देहरादून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिस मुहिम को भाजपा लोकसभा चुनाव में अहम हथियार मान रही है, उसी मुहिम को उत्तरखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री और लोकसभा की प्रत्याशी पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं.
सरकार के ये तीन मंत्री अपने आपको नहीं मानते चौकीदार
जी हां अपने ट्वीटर अकाउंट पर अपने नाम से पहले चौकीदार शब्द लिखने की मुहिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू क्या की कि भाजपा नेताओं में मानों अपने ट्वीटर अकाउंट पर अपने नाम से पहले चौकीदार लिखने की होड़ सी मचा दी. पीएम मोदी इस मुहिम के बाद देश भर में भाजपा नेताओं ने और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा नेताओं और प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्रियों ने अपने-अपने ट्वीटर अकाउंट पर चौकीदार लिख दिया लेकिन उत्तराखंड सरकार के तीन कैबिनेट मंत्री अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस मुहिम को अपनाने को तैयार नहीं है और ये तीन मंत्री कांग्रेस से भाजपा आए हुए नेता हैं. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल त्रिवेंद्र सरकार के ऐसे मंत्री हैं जो खुद को चौकीदार नहीं मानते है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी हों या उनके पार्टियों के मंत्री आज सभी चौकीदार की भूमिका में हैं.
माला राज्यलक्ष्मी शाह शाही परिवार से आती हैं इसलिए वो चौकीदार नहीं बनना चाहती
ये तो त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रियों को हाल है, टिहरी लोकसभा सीट से माला राज्यलक्ष्मी शाह प्रदेश की एक मात्र ऐसी भाजपा प्रत्याशी उत्तराखंड हैं जिन्हें भी चौकीदार शब्द अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखने से परहेज की है. माना तो ये भी जा रहा है कि माला राज्यलक्ष्मी शाह शाही परिवार से आती हैं इसलिए वो चौकीदार नहीं बनना चाहती है। लेकिन उत्तराखंड लोकसभा चुनाव के लिए सोशल मीडिया प्रभारी बनाए गए अजेंद्र अजेय का कहना कि हो सकता है कि चुनाव की व्यस्तता के चलते उन नेताओं को समय चौकीदार लिखने का नहीं मिल रहा है जो नाम हमने बताएं हैं.
एक दो दिन में लिख देंगे चौकीदार- भसीन
वहीं प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन का कहना कि जो नेता इस मुहिम से छूट गए हैं एक या दो दिन में वह चौकीदार अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिख देंगे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस बात को कह रहे हैं कि उनके प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री सभी चौकीदार की भूमिका अदा कर रहे हैं लेकिन लगता है शायद मुख्यमंत्री की नजर अपने कैबिनेट मंत्रियों और लोकसभा प्रत्याशी के ट्वीटर अकाउंट पर नहीं गई. वरना भाजपा के 3 कैबिनेट मंत्री और 1 लोकसभा प्रत्याशी इस मुहिम से पीछे नहीं रहते। लेकिन देखना यही होगा कि आखिरकार कब जाकर 3 मंत्री और माला राजलक्ष्मीशाह असल में चौकीदार बनते हैं।