जोधपुर : उदयपुर में 2002 में लक्ष्मी विलास होटल मामला एक बार फिर चर्चाओं में है। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। 2002 में जब केंद्रीय विनिवेश मंत्री के रूप में अरुण शौरी कार्यरत थे तब उनके मंत्रालय ने उदयपुर के लक्ष्मी विलास होटल को केवल साढ़े सात करोड़ रुपए में ललित ग्रुप को बेच दिया था।
यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान सीबीआई से इस मामले का अनुसंधान शुरू करवाया था। सर्वे में सामने आया कि इस होटल की कीमत 252 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। हालांकि बाद में सीबीआई ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी थी, लेकिन सीबीआई की विशेष अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करते हुए इस मामले में फैसला सुना दिया।
जोधपुर सीबीआई अदालत के जज पीके शर्मा ने अपने आदेश में उदयपुर जिला प्रशासन को निर्देशि दिया है कि अगले 3 दिन में होटल का अध्ययन कर इसकी मौजूदा स्थिति की पूरी रिपोर्ट अदालत में पेश किया जाए। होटल को फिलहाल आईटीडीसी को संचालन करने के लिए सौंपा जाएगा।