बैंकिंग सेक्टर को घाटे से उबारने के लिए मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं. सरकार का कहना है कि जितने कम सरकारी बैंक होंगे, उतने बेहतर तरीके से काम-काज होगा और बैंकों की आर्थिक सेहत भी सुधरेगी. इसी कड़ी में अब नीति आयोग ने सरकार से सिफारिश की है कि वह तीन सरकारी बैंकों का निजीकरण कर दे. नीति आयोग का कहना है कि सरकार पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र प्राइवेट के हाथों में सौंप दे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अलावा नीति आयोग ने सभी ग्रामीण बैंकों के मर्जर का भी सुझाव दिया है. दरअसल, सरकार की योजना है कि देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटाकर 5 कर दी जाए. इससे पहले सरकार ने अप्रैल में 10 बैंकों का विलय करके 4 बैंक कर दिए.
यही नहीं, नीति आयोग ने सरकार से NBFC को अधिक छूट देने की भीअगर सरकार नीति आयोग की सिफारिश को मानती है, तो फिर उसे पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के निजीकरण के लिए बैंकिंग कंपनीज एक्ट 170 में संशोधन करना होगा. क्योंकि इन बैंकों के निजीकरण के बाद इनका मालिकाना हक निजी हाथों में चला जाएगा। इन बैंकों से सरकार को लगातार नुकसान हो रहा है, क्योंकि ये बैंक लगातार घाटे में चल रहे हैं. ऐसे में नीति आयोग ने इससे निपटने का रास्ता निकालते हुए इनके निजीकरण का सुझाव दिया है. सरकार का मानना है कि जितने अधिक बैंक होते हैं, फर्जीवाड़े के मामले उतने अधिक सामने आते हैं.