उत्तराखंड से बड़ी खबर है। अंकिता भंडारी केस में एसआईटी ने चार्जशीट तैयार कर ली है। एसआईटी जल्द ही ये चार्जशीट दाखिल करने वाली है। सोमवार को एसआईटी ये चार्जशीट दाखिल कर देगी।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने इस संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। एडीजी के मुताबिक इस केस में मजबूत चार्जशीट बनाई गई है। ये चार्जशीट जल्द ही फाइल हो जाएगी। सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के अनुसार 500 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है। लगभग 100 गवाहों की लिस्ट है। तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302/201/120बी/354क और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
हालांकि एडीजी पत्रकारों और राज्य की जनता के मन में उठ रहे कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए या फिर उनपर तल्खी के साथ बयान देते दिखे।
पत्रकारों ने जब वीआईपी के बारे में एडीजी से जानना चाहा तो उन्होंने किसी वीआईपी की थ्योरी से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा है कि रिजार्ट में एक ऐसा कमरा था जिसमें रुकने वालों को ही वीआईपी कहा जाता था। लिहाजा किसी खास वीआईपी के आने की थ्योरी सही नहीं लगती।
अंकिता हत्याकांड की जांच कर रही SIT को अब तक अंकिता का फोन नहीं मिल पाया है। एडीजी मुरुगेशन ने इस संबंध में जानकारी दी है।
वहीं रिजार्ट पर आनन फानन में किसने और क्यों बुलडोजर चलवाया इस सवाल पर भी एडीजी कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। वो डीएम की रिपोर्ट का हवाला देते रहे।
अब ऐसे में कुछ सवाल हैं जो अब भी अनुत्तरित रह गए –
- वीआईपी कौन था? अगर कोई वीआईपी नहीं भी था तो कम से कम कोई तो था जो उस वीआईपी सूईट में रुकने के लिए आने वाला था और जिसको ‘स्पेशल सर्विस’ देने का दबाव अंकिता पर था। फिर एसआईटी ने उस गेस्ट के बारे में क्यों नहीं पता लगाया ?
- अंकिता के फोन में कई राज छिपे हो सकते हैं। ऐसे में एसआईटी अब तक अंकिता का फोन क्यों नहीं बरामद कर पाई?
- पुलकित आर्य के रिजार्ट पर आनन फानन में किसने और क्यों बुलडोजर चलवाया? बुलडोजर चलने और उसके नुकसान को क्या एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है?