प्रदेश में लोकसभा चुनाव में राज्य के 283 बूथ ऐसे हैं जहां पर मोबाइल नेटवर्क भी नहीं आते। जिस कारण यहां पर फोन से काम नहीं हो सकता है। यहां या तो सेटेलाइट फोन से काम होगा या फिर रेडियो सेट से काम होगा।
प्रदेश के 283 बूथों पर नहीं है मोबाइल नेटवर्क
लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में कल मतदान होना है। मतदान के लिए प्रदेश में 11,729 बूथ बनाए गए हैं। जिनमें से 283 बूथ ऐसे हैं जो कि शैडो एरिया में आते हैं। यानी कि यहां पर नेटवर्क नहीं आते हैं। नेटवर्क ना आने के कारण यहां पर सेटेलाइट फोन या फिर रेडियो सेट से काम किया जाएगा।
सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए नहीं है कोई नेटवर्क
प्रदेश में चार बूथ ऐसे भी हैं जहां पर सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए लोगों की ड्यूटी लगाई गई है। क्योंकि यहां पर सेटेलाइट फोन भी काम नहीं करते हैं। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे के मुताबिक इन चारों बूथों में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए किसी तरह का नेटवर्क नहीं है। इसलिए पोलिंग बूथ से लेकर सूचना स्थल तक के लिए अलग-अलग रनर की ड्यूटी लगाई गई है। किसी सूचना को एक रनर बाइक या अन्य माध्यम से पोलिंग बूथ से लेकर दूसरे प्वाइंट तक पहुंचाएगा। वहां से सूचना आगे जाएगी।
एक बूथ कुमाऊं में तो तीन गढ़वाल में
चार ऐसे बूथ जिनमें सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए किसी तरह का नेटवर्क नहीं है उनमें से एक कुमाऊं मंडल में हैं तो तीन गढ़वाल मंडल में है। कुमाऊं में एक पिथौरागढ़ के कनार में तो गढ़वाल में एक बूथ पौड़ी के लालढांग में और दो बूथ उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं।