भारत में उत्तराखंड 26 वां राज्य और हिमालय क्षेत्र का 10 वां राज्य है। इस राज्य को देवभूमि के नाम से भी जानते हैं। उत्तराखंड राद्य को 9 नवंबर 2000 को उत्तरप्रदेश से अलग कर बनाया गया था। उस समय उत्तराखंड का नाम उत्तरांचल था जिसे 1 जनवरी 2007 को बदलकर उत्तराखंड किया गया। उत्तराखंड राज्य को दो हिस्सों कुमाउं मंडल और गढ़वाल मंडल में बांटा गया है। उत्तराखंड के पूर्व में नेपाल, पश्चिम में हिमाचल, दक्षिण में उत्तर प्रदेश और उत्तर में तिब्बत हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून है और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से देहरादून राज्य का सबसे बड़ा शहर है। उत्तराखंड 13 जिलों से मिलकर बना है। आइये उत्तराखंड के 13 जिलों के बारें में विस्तार से जानें।
1. Almora district
उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिला कुमाउं में स्थित है। यह जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, हस्तशिल्प कला, जैव विविधता, स्वादिष्ट व्यंजन, बाल मिठाई, और ऐतिहासिक इमरातों के लिए प्रसिद्ध है। अल्मोड़ा में एक प्रसिद्ध नृत्य अकादमी संस्थान भी है। जिसका नाम है डांसिउस, यहां बहुत से फ्रांसीसी तथा भारतीय नृतकों को प्रशिक्षण दिया गया था। 1937 में यह है नृत्य अकादमी उदय शंकर द्वारा स्थापित की गई थी।
2. Bageshwar district
बागेश्वर जिला कुमाउं मंडल में गोमती सरयू नदी के तट पर स्थित जिला है। इस जिले की स्थापना 15 सितंबर 1938 में अल्मोड़ा के उत्तरी क्षेत्रों से की गई थी। बागेश्वर रुद्रप्रयाग तथा चंपावत के बाद उत्तराखंड का सबसे कम जनसंख्या वाला तीसरा राज्य है। यह जिला आस्था और पर्यटन के लिए जाना जाता है। यहां कई प्राचीन मंदिर जैसे बागेश्वर महादेव, हनुमान मंदिर, भैरव मंदिर, कालिका मंदिर, वाणेश्वर मंदिर व अन्य कई मंदिर मौजूद है।
3. Chamoli district
चमोली जिला गढ़वाल मंडल का बेहद खूबसूरत जिला है। यहां बद्रीनाथ, जोशीमठ और हेमकुंड साहिब जैसे देश के प्रमुख तीर्थस्थल, बर्फ से ढकी चोटी है जो किसी भी पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां हरी भरी कई पहाड़ियां है जो ट्रेकिंग के लिए काफी शानदार है। चमोली का क्षेत्रफल 8030 वर्ग किलोमीटर है। चमोली जिले में प्रमुख स्थलों में बदरीनाथ, तपकुंड, हेमकुंड साहिब, गोपेश्वर, बेदिनी, पंच प्रयाग, देव प्रयाग, विष्णु प्रयाग, फूलों की घाटी और औेली शामिल है।
4. Champawat district
चंपावत जिला कुमाउं मंडल में मौजूद है। यह शहर चंद शासकों की राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। चंपावत सुंदर वास्तुकला और मंदिर में नक्काशी के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। कई वर्षों तक चंपावत जिला कुमाऊ के शासकों की राजधानी रहा था। जिनमें से कुछ शासकों के किलो के शेष आज भी यहां पाए जाते हैं। चंपावत के मुख्य आकर्षक स्थलों में बालेश्वर मंदिर, शनि देवता मंदिर, राघनाथ मंदिर, रीठा मीठा साहिब, पूर्णागिरी मंदिर, श्यामलाताल, पंचेश्वर, देविधुरा, लोहाघाट, अब्बोट माउंट आदि है।
5. Dehradun district
देहरादून जिला गढ़वाल मंडल में मौजूद है। जिसका कुल क्षेत्रफल 3,088 वर्ग किमी है। देहरादून की स्थापना 1870 में हुई थी। यह जिला उत्तराखंड की राजधानी है जो अपने सुंदर वातावरण, प्राकृतिक सुंदरता, बहती जलधाराओं, गहरी घाटियों, स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए जाना जाता है। देहरादून को ‘द्रोण का धाम’ भी कहा जाता है। देहरादून जिले में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, संतलादेवी, टपकेश्वर, बुद्धाटेम्पल, महासू देवता, डाटकाली, कालसी आदि। देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में मसूरी, मालसी, डियरपार्क, डाकपत्थर, आसन बैराज, लाखामंडल, चकराता, यमुना ब्रिज, सहस्त्रधार, लच्छीवाला, गुच्चुपनी, टाइगर फॉल, एफ. आर. आई.-म्यूजियम इत्यादि शामिल हैं।
6. Haridwar district
हरिद्वार जिला गढ़वाल मंडल में मौजूद है। जिसकी स्थापना 28 दिसंबर 1998 28 को हुई थी। हरिद्वार का कुल क्षेत्रफल 2360 वर्ग किलोमीटर है। जो मां गंगा के तट व तीर्थ भूमि के लिए जाना जाता है। यह स्थान आस्था, शानदार भारतीय इतिहास, सांस्कृतिक मूल्यों के लिए भी जाना जाता है। हरिद्वार ही वह पहला स्थान है जहां गंगा नदी पहाड़ी से निकलकर मैदानी सतह को छूती है।हरिद्वार के प्रसिद्ध मन्दिर चंडीदेवी, मंशादेवी, मायादेवी, रतिप्रिया, श्रध्दादेवी आदि हैं।
7. Nainital district
नैनीताल जिला जिसे झीलों का शहर भी कहते हैं यह कुमाउं मंडल में स्थित है। जिले का क्षेत्रफल 3,860 किमी है। शानदार प्रकृतिक सुंदरता, घने जंगल, गहरी झीलें, घुमावदार घाटियां, और विश्व के प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए नैनीताल जाना जाता है। इस जिले की सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर लुभाती है।
8. Pauri garhwal district
पौड़ी एक समृद्ध जिला है जो गढ़वाल मंडल में मौजूद है। देवदार के पेड़ो से घिरे जंगल यहां की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। यह जिला 5440 वर्ग किलोमीटर में है। यह जिला एक गोले के रूप में बसा हुआ है, जिसकी उत्तर में चमोली रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल है। दक्षिण में उधम सिंह नगर पूर्व में अल्मोड़ा और पश्चिम में देहरादून स्थित है। यहाँ के पर्यटन स्थल में कंडोलिया का शिव मन्दिर, केतुखाल में भैरोंगढ़ी में भैरव नाथ का मंदिर, बिनसर महादेव, खिर्सू, लाल टिब्बा, ताराकुण्ड, ज्वाल्पा देवी मन्दिर नील कंठ का शिव मंदिर, देवी खाल का माँ बाल कुँवारी मंदिर ओर यमकेश्वर का भुम्या देव प्रमुख हैं।
9. Pithoragarh district
यह जिला प्रसिद्ध मानसरोवर यात्रा के लिए महत्तवपूर्ण पड़ाव है।24 फरवरी 1960 को पिथौरागढ़ जिले का गठन किया गया था। कुमाउं मंडल में मौजूद यह जिला काफी सुंदर औरप पर्यटकों को काफी लुभाता है। जो कि 7090 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है
10. Rudraprayag district
यह जिला गढ़वाल में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।रुद्रप्रयाग जिले का क्षेत्रफल 2439 वर्ग किलोमीटर है।16 सितंबर 1998 में रुद्रप्रयाग को बनाया गया था। यहां कई सारे तीर्थस्थल है जहां सालभर श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन करने के लिए आते हैं। रूद्रप्रयाग का नाम भगवान शिव के रूद्र रूप के कारण रखा गया था।
11. Tehri district
टिहरी गढ़वाल जिला एक समय में राजओं का निवास हुआ करता था। टिहरी दो भागों में विभाजित है एक पुरानी टिहरी तथा दूसरी नई टिहरी। पुरानी टिहरी शहर पूरी तरह से डूब चुका है वहां आज एक डैम है। जबकि नई टिहरी पुरानी टिहरी के डूबने के बाद बसाया गया नया शहर है। इस जिले को सबसे विकसित जिले में भी शामिल किया गया है।
12. Udham singh nagar district
1995 में उधमसिंह नगर जिले को नैनीताल से अलग कर बनाया गया था। इस जिले का नाम महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद उधमसिंह के नाम पर रखा गया है। उधम सिंह ने जमरल डायर को मार गिराया था और जालियांवाला बाग नरसंहार का बदला लिया था। इस जिले के मुख्य आकर्षक के रूप में काशीपुर, पूर्णागिरि, अटरिया मंदिर, गिरी सरोवर है।
13. Uttarkashi district
उत्तरकाशी जिला गढ़वाल में स्थित है। इस जिले का क्षेत्रफल 8,016 किमी है। यह पर्यटकों के लिए पहली पसंद है। जिले के उत्तर और उत्तरपश्चिम में हिमाचल प्रदेश राज्य, उत्तरपूर्व में तिब्बत, पूर्व में चमोली जिला, दक्षिणपूर्व में रूद्रप्रयाग जिला, दक्षिण में टिहरी गढ़वाल जिला और दक्षिणपश्चिम में देहरादून जिला पड़ते हैं।