देहरादून, संवाददाता – सत्ता गवांने के बाद सदन में कांग्रेस के विधायक दल का नेता कौन होगा इस पर भी मंथन होना शुरू हो गया है। जाहिर है कि इस बार सदन में सीट कम होने के नाते नेता प्रतिपक्ष जैसा जलवा नहीं होगा। बावजूद इसके पार्टी का नेता तो होगा ही।
ऐसे में कांग्रेस का नेता कौन होगा इस पर पार्टी मंथन कर रही है। हालांकि माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष का रुतबा न मिलने की स्थिति में कांग्रेस युवा विधायकों पर दांव खेल सकती है। जिसमें प्रमुख हैं केदारनाथ विधायक मनोज रावत, रानीखेत से दूसरी बार विधायक बने करण महरा और मंगलौर से दूसरी बार एमएलए बने काजी निजामुद्दीन हैं।
पत्रकारिता की दुनिया से सियासत की दुनिया में दाखिल होने वाले मनोज रावत गुजरे वक्त में युवा कांग्रेस में बड़े पद पर रह चुके हैं। लिखने पढ़ने का शौक रखने वाले मनोज रावत अच्छे वक्ता भी हैं। वहीं काजी निजामुद्दीन हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से आते हैं और अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने के अलावा सदन में अपनी बात तर्कों के साथ रखने वाले माने जाते हैं।
हालांकि माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का रुतुबा मिला तो कांग्रेस इंदिरा हृदयेश और गोविंद सिंह कुंजवाल मे से ही किसी को चुनेगी। गौरतलब है कि इंदिरा हृदयेश सदन में तीसरी बार पहुंची हैं जबकि गोविंद सिंह कुंजवाल चौथी बार। दोनो ही अच्छे वक्ता और अनुभवी नेता हैं।