ब्यूरो- सन 1971 से यानि तकरीबन 46 साल से लटका मामला अगर इस बार सुलझ जाएगा तो अवाम को डबल क्या ट्रिपल इंजन पर यकीन हो जाएगा। जी हां जामरानी बांध परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ होने की पूरी उम्मीद दिखाई दे रही है।
उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ जामरानी बांध निर्माण की शर्तों पर सहमत हो गए हैं। लिहाजा जल्द ही उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बीच एमओयू साइन हो जाएगा।
सिंचाई और पीने के पानी की किल्लत से निबटने के लिए सन 1971 मे 62 करोड़ की लागत से जामरानी बांध बनाने की घोषणा हुई थी। लेकिन परियोजना को लेकर कभी सरकारों के बीच आमराय नहीं बन पाई।
हालांकि अब तीनों जगह एक ही दल की सरकार होने के नाते और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जामरानी बांध का प्रोजेक्ट पसंद आने की वजह से माना जा रहा है कि जल्द ही इस बांध परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा। परियोजना से दोनों राज्यों की बिजली पानी की समस्याओं को निजात मिलेगी।
खबर है कि यूपी और उत्तराखंड राज्य के बीच परिसंपत्ति बंटवारे की चर्चा के दौरान जामरानी बांध पर सूबे की सीएम त्रिवेंद्र रावत और कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से जामरानी बांध को लेकर चर्चा की थी।
सूबे के कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की माने तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जामरानी बांध परियोजना पर रूझान दिखाया है। लिहाजा जल्द ही दोनो राज्य एमओयू पर दस्तखत कर परियोजना के प्रस्ताव को केंद्रीय पर्यवारण मंत्रालय को एनओसी के लिए भेजेंगे।
गौरतलब है कि नैनीताल सांसद भगत दा ने भी चुनाव के दौरान जामरानी बांध निर्माण का हल्द्वानी की जनता से वायदा किया था।