अब आलम ये है कि, हजारों घरों मे ताला पड़ा हुआ है। कहीं दो चार उम्रदराज बुजुर्ग हैं गांवों के चौकीदारी कर रहे हैं। अपने परिजनों के वापसी के इंतजार में नीचे जाती पगड़ंडी को देख-देख कर उनकी आंखे भी पथरा गई हैं। पहाड़ खामोश हैं और गांव उदास।
ऐसे में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की ट्विटर के जरिए एक मुहिम शुरूआत की है। ट्वीटर पर # selfiefrommyvillage अभियान के तहत सीएम ने प्रवासी उत्तराखंडवासियों से घर वापसी की अपील की है । सीएम रावत ने कहा कि, एक काम,जो हर वो प्रदेशवासी कर सकता है जिसका जुड़ाव कभी ना कभी पहाड़ से रहा है।
रावत ने सभी प्रवासी पहाड़ी बंधुओं से अपील की है कि इन गरमियों में आप अपने बच्चों को अपने गाँव ले जाएं। सीएम रावत ने कहा कि, हम अगर अपने बच्चों को अपने – अपने पैतृक गांव से जोड़़ेंगें तो नई पीढ़ी का जुड़ाव अपनी जड़ों की ओर लौटेगा। इससे गांवों में आवागमन होगा।
सीएम रावत ने कहा कि, इन गरमियों की छुट्टी में अपने पैतृक गांव जाकर गाँव से बच्चों के साथ #SelfieFromMyVillage हैशटैग के साथ अपनी फोटो शेयर करें।
सीएम ने बेहद मार्मिक अपील के साथ प्रवासी उत्तराखंडियों से गरमियो में गांव लौटने की अपील की है। बहरहाल मुहिम की तारीफ तो बनती है। लेकिन हकीकत है कि पलायन रोकना इतना भी मुश्किल नहीं है कि सीएम को अपील करनी पड़े।
अलग राज्य की जंग लड़ने वालों की माने तो सरकार पहाड़ों से मुहब्बत करना शुरू कर दे, उसे काबिल डाक्टरों वाले अस्पताल और नए जमाने के साथ कदम ताल करती तालीम मुहैय्या करवा दे तो रोजी रोटी का जुगाड़ तो नौजवान खुद ही कर देगा।