देहरादून- उत्तराखंड के गांवों में बजट की कमी के चलते जो कम लटके पड़े थे वो अब पूरे हो जाएंगे। दरअसल सरकार ने ग्राम पंचायतों की झोली में 14 वें वित्त की दूसरी किश्त का 162.59 करोड़ का तोहफा डाला है। जिसे पंचायतों को हस्तांतरित करने के आदेश तत्काल प्रभाव से जारी हो गए हैं। अब राज्य की 7953 ग्राम पंचायतों में सड़कों, फुटपाथों के निर्माण, ठोस कूड़े के निपटारे और पेयजल मुहैया कराने की योजनाओं समेत तमाम विकास कार्य रफ्तार पकड़ेंगे।
पंचायतों में विकास कार्यों की गति धीमी न पड़े और इसके लिए धन की कमी न होने देने को लेकर सरकार पूरी तरह एहतियात बरत रही है। केंद्र से धन जारी होते ही पंचायतों के खातों में उसे ट्रांसफर करने में देरी नहीं की जा रही है।
यही वजह है कि पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में पंचायतों को अधिक धनराशि को तेजी से जारी किया गया है। 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों की कड़ी में मूल अनुदान के तहत राज्य के 95 विकासखंडों की सभी ग्राम पंचायतों को एक सौ बासठ करोड़ उनसठ लाख पचास हजार की धनराशि केंद्र सरकार ने बीते रोज जारी की है। वित्त सचिव अमित नेगी ने उक्त धनराशि पंचायतों के हवाले करने के आदेश जारी कर दिए।
पंचायतों को धनराशि जारी करने में सरकार की तत्परता का अंदाजा इससे भी लगता है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में ग्राम पंचायतों को अब तक 447.4068 करोड़ की धनराशि दी जा चुकी है। 14वें वित्त आयोग ने चालू वित्तीय वर्ष में मूल अनुदान के रूप में 325.19 करोड़ धनराशि देने की सिफारिश की है।
इस संस्तुति पर अमल करते हुए दो किश्तों में पूरी धनराशि 325.19 करोड़ ग्राम पंचायतों को जारी कर दी गई है। यही नहीं कार्य निष्पादन अनुदान (वर्क परफॉरमेंस ग्रांट) के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 36.92 करोड़ एवं राज्य वित्त आयोग के तहत 85.2968 करोड़ की राशि पंचायतों को दी गई है।
14वें वित्त आयोग की यह राशि जलापूर्ति, सीवरेज, ठोस कूड़ा प्रबंधन, सेप्टैज प्रबंधन, स्वच्छता, जल निकासी, सामुदायिक परिसंपत्तियों के रखरखाव, सड़कों, फुटपाथों, पथ प्रकाश, कब्रिस्तान या शमशान घाटों के रखरखाव पर खर्च की जाएगी। वित्त सचिव अमित नेगी के मुताबिक जिला पंचायत राज अधिकारी उक्त धनराशि के उपयोगिता प्रमाणपत्र जिलाधिकारी के प्रति हस्ताक्षर करा 31 मार्च, 2018 तक उपलब्ध कराएंगे।