गंगोत्री-यमुनोत्री तक का सफर आप 5 साल बाद ट्रेन में तय कर सकेंगे. बता दें कि लोग अभी तक बाइक-कार और बस से गंगोत्री यमनोत्री पहुंच पाते थे लेकिन पांच साल बाद लोग ट्रेन से पहाड़ की वादियों का लुत्फ उठाते हुए गंगोत्री और यमनोत्री तक पहुंच सकेंगे वो भी सिर्फ डेढ़ घंटे में। क्योंकि अब गंगोत्री और यमनोत्री तक ट्रेन चढ़ेगी। आंकड़ों के अनुसार गंगोत्री-यमनोत्री रेलमार्ग के निर्माण पर 22 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। रेल विकास निगम ने इस प्रोजेक्ट पर आने वाले खर्च की रिपोर्ट तैयार कर ली है केवल रेल मंत्रालय से स्वीकृति का इंतजार है।
बनेंगे इतने रेलवे स्टेशन
आपको बता दें कि 121 किलोमीटर की लंबी लाइन में 11 रेलवे स्टेशन बनेंगे।5 साल में बनने वाली लंबी लाइन पर करीबन 22 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। गुरुवार को रेल निगम ने फाइनल रिपोर्ट रेल मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार को भेज दी है। आपको बता दें कि रेल निगम को डीपीआर बनाने में दो साल का समय लगा था।इसके लिए आईआईटी रुड़की से प्रूफ चेकिंग भी कराई गई। हिमालयी क्षेत्र की किसी रेल परियोजना के लिए पहली बार विस्तृत भू-वैज्ञानिक सर्वे भी कराया गया।
121 किलोमीटर का सफर मात्र डेढ़ घंटे में होगा पूरा
इस पर रेल विकास निगम परियोजना के प्रबंधक का कहना है कि ओमप्रकाश मालगुड़ी का कहना है कि देहरादून के डोईवाला से 121 किलोमीटर का सफर मात्र डेढ़ घंटे में पूरा हो जाएगा।रेल लाइन में 84 किलोमीटर सुरंग के निर्माण के साथ 17 छोटे बड़े पुुल बनेंगे।इस परियोजना में सबसे बड़ी सुरंग 15 किलोमीटर की होगी।उन्होंने जानकारी दी कि मंत्रालय से स्वीकृति मिलते हैं काम शुरु कर दिया जाएगा।
डोईवाला से गंगोत्री-यमुनोत्री तक की इस लाइन पर रेलवे स्टेशन
डोईवाला, संगतियावाला, सारंधावाला, आमपाटा, मरोड, कंडीसौड़, चिन्यालीसौड़, डुंडा, अटाली, लदाड़ी और मनेरी होंगे। निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुडी ने बताया कि अटाली जंक्शन होगा, यहां से यमुनोत्री को ट्रेन जाएगी। उत्तरकाशी-गंगोत्री के लिए आखिरी स्टेशन मनेरी होगा।