देहरादून : अक्सर सरल और हल्के-फुल्के अंदाज में नजर आने वाले उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत इसबार तीखे तेवर में नजर आया। महाविद्यालयों में ड्रेस कोड लागू करने पर उन्होंने कहा कि अगर हाथ जोड़कर काम नहीं चला तो अंगुली टेढ़ी करने से भी गुरेज नहीं करूंगा। अशासकीय महाविद्यालयों की अव्यवस्थाओं और प्रबंधन के रवैये पर दो टूक करते हुए कहा कि अभी प्यार मोहब्बत से बात कर रहा हूं, जरूरत पड़ी तो अधिग्रहण का भी विकल्प खुला है।
डीडब्ल्यूटी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेशभर में छात्रसंघ चुनाव का शोर अब थम गया है। अब एक माह ड्रेस कोड पर ही काम किया जाएगा। गोष्ठी के माध्यम से न केवल छात्र, बल्कि अभिभावकों से भी राय ली जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 82 महाविद्यालयों में ड्रेस कोड लागू हो चुका है। 22 अशासकीय महाविद्यालयों में भी 16 इसे अपना चुके हैं। जल्द महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें उन्हें कहा जाएगा कि वह बच्चों को ड्रेस कोड के लिए प्रेरित करें। यह भी कहा कि इस बाबत उनकी जवाबदेही तय होगी।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन तनख्वाह भी रोकनी पड़ी तो परहेज नहीं करूंगा। कुछेक अशासकीय महाविद्यालयों का उदाहरण देते कहा कि शैक्षिक गुणवत्ता सरकार की प्राथमिकता है और हर कॉलेज को इस पर खरा उतरना होगा। शिक्षक या भौतिक संसाधनों की कमी मिलकर दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द प्रबंध तंत्र के साथ भी बैठक करने वाला हूं। पहले लोकतांत्रिक व्यवस्था अपनाऊंगा और जरूरत पड़ी तो अव्यवस्थित अशासकीय महाविद्यालयों का अधिग्रहण भी किया जा सकता है।
गाउन पहनने की परंपरा बंद
उत्तराखंड के उच्च शिक्षण संस्थानों में अब दीक्षांत समारोह में गाउन पहनने की परंपरा बंद होगी। विभाग अंग्रेजियत खत्म करने की कवायद में जुटा है। डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हम गाउन के बदले नई ड्रेस तैयार कर रहे हैं। जिसमें न सिर्फ खादी का इस्तेमाल होगा, बल्कि उत्तराखंडी संस्कृति की भी झलक मिलेगी। निफ्ट यह ड्रेस डिजाइन कर रही है। 14 नवंबर को डिजाइन प्रस्तुत किया जाएगा।