संवाददाता- उत्तराखंड में पर्यावरण के लिहाज से हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसले पर अमल करते हुए शासन ने भी शानदार पहल की है। राज्य के मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने शासनादेश जारी कर दिया है, जिसके मुताबिक अब राज्य में प्लास्टिक और थर्माकोल से बनी थैलियां, दोने-पत्तल, गिलास-कप और पैकिंग पर पूरी तरह से बंदिश लग गई है।
तय है कि अगर इस पर सख्ती से अमल हुआ तो साफ उत्तराखंड का सपना साकार हो सकता है। राज्य का हर शहर साफ-सुथरा दिखाई देगा। दरअसल देखा जाए तो इलाकों के लिए अभिशाप बने कूड़े के ढेर में सबसे ज्यादा इसी अकार्बनिक कचरे की तादाद होती है जो सबसे खराब तो दिखाई देता ही है और या तो नष्ट नहीं होता या फिर खत्म होने में बहुत देर लगाता है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये ऐतिहासिक फैसला दिया था। फैसले में अदालत ने गंगा किनारे स्थापित उद्योगों को बंद करने समेत कई और अहम दिशा निर्देश भी जारी किए हैं ताकि राज्य की नदियां और पर्यावरण प्रदूषित होने से बच सके। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर प्रशासन ने अदालत के आदेश पर अमल लाने के लिए सख्ती बरती तो राज्य के कचरे वाले चौक चौराहे, नदी, नाले और जंगल प्लास्टिक और थर्माकोल के अभिशाप से मुक्त हो जाएंगे।