आपने अक्सर अदालतों के बाहर ‘हाजिर हों’ की आवाज सुनी होगी जिसमें केस से संबंधित व्यक्ति को बुलाया जाता है लेकिन ये आवाज अब अदालत के बाहर नहीं सुनाई देगी. जी हां बता दें ये परंपरा ब्रिटिशकाल से चली आ रही है लेकिन अब ये जल्द बंद होने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की तर्ज पर मेरठ की अदालतों के बाहर भी एलईडी स्क्रीनें लगा दी गई हैं। कोर्ट रूम में सुनवाई पर चल रहे केस का स्टेटस स्क्रीन पर दिखाई देगा।
न्यायालय कक्ष में फीता काटकर एलईडी स्क्रीन का शुभारंभ किया
हिंदुस्तान लाइव की खबर के अनुसार ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत मेरठ, मवाना व सरधना की 56 अदालतों में कोर्ट रूम के गेट पर ये डिस्प्ले लगाई गई हैं। बुधवार को जिला जज अनिल कुमार पुंडीर ने अपने न्यायालय कक्ष में फीता काटकर एलईडी स्क्रीन का शुभारंभ किया। नजारत प्रभारी एवं एडीजे-18 हरबंश नारायण ने बताया कि इस स्क्रीन पर वकीलों और वादकारियों को कई जानकारियां मिलेंगी। कोर्ट रूम में किस केस की सुनवाई चल रही है, किस केस की सुनवाई हो चुकी और किस केस की सुनवाई होने वाली है। यह सब अलग-अलग रंग के अक्षरों में स्क्रीन पर दिखता रहेगा।
वादकारियों और वकीलों को कोर्ट रूम के भीतर जाकर कुछ भी पूछताछ करने की नहीं होगी जरूरत
ऐसे में वादकारियों और वकीलों को कोर्ट रूम के भीतर जाकर कुछ भी पूछताछ करने की जरूरत नहीं होगी। अभी तक केस की सुनवाई शुरू होने से पहले वादकारी को अर्दली द्वारा आवाज लगाकर कोर्ट रूम में बुलाया जाता था। एडीजे हरबंश नारायण के मुताबिक, प्रत्येक कोर्ट में पेशकार के पास एक-एक कम्प्यूटर लगाया है। पेशकार ही यह समस्त जानकारी कम्प्यूटर में फीड करेंगे, जो स्क्रीन पर बाहर दिखाई देती रहेगी। मेरठ सहित मवाना और सरधना कोर्ट में भी इस तरह की एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं।
टच स्क्रीन कियोस्क में क्रिमिनल और सिविल केस की पूरी जानकारी निशुल्क उपलब्ध
खबर के अनुसार 13 न्यायालय भवन में एक टच स्क्रीन कियोस्क लगाई गई है। इस मशीन से अदालत में चल रहे क्रिमिनल और सिविल केस की पूरी जानकारी निशुल्क उपलब्ध हो रही है। केस नंबर और पक्षकार का नाम डालने पर पूरी जानकारी स्क्रीन पर मिल जाती है। ऐसे में वादकारियों को केस की वर्तमान स्थिति सुलभ हो गई है।
सभी अदालतों के आदेश न्याय विभाग की वेबसाइट पर हर रोज अपलोड किए जा रहे हैं। अदालत में जिस वक्त केस फाइल होता है, उसी समय निर्धारित प्रोफार्मा में समस्त डिटेल दर्ज की जाती हैं। केस की अगली सुनवाई कब होगी, इसका अलर्ट मैसेज वादकारी और संबंधित वकील पर एक दिन पहले ही पहुंच जाता है।