साल 2016 में भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था औऱ पाक की सीमा पर घुसकर कई आतंकियों समेत कई आतंकी गढ़ों को तबाह किए गए थे जिस पर उरी फिल्म भी बनी है. इस स्ट्राइक में पाकिस्तान की सीमा में जाने सभी जवान सुरक्षित वापस स्वदेश लौट आए थे लेकिन एक जवान के पाक में होने का दावा पाक ने किया था जिसकी भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि की थी. भारतीय सेना ने कहा था कि चंदू चौहान नाम का जवान गलती से LOC पार कर गया था. इसका सर्जिकल स्ट्राइक से कोई लेना-देना नहीं है. महाराष्ट्र के रहने वाले चंदू चौहान 21 जनवरी 2017 को पाकिस्तान से रिहा होकर स्वदेश लौटे थे.
मुझे शक की नजरों से देखा जाता है-जवान
वहीं अब सेना के जवान चंदू चौहान ने सेना पर लगातार उसका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया और इस्तीफा देने का फैसला किया. सेना के जवान ने कहा कि जब से मैं पाकिस्तान से लौटा हूं लगातार सेना की ओर से उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे संदिग्ध दृष्टि से देखा जाता है, इसलिए मैंने सेना छोड़ने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सेना जवान चंदू ने अपना त्याग पत्र अहमनगर स्थित सैन्य टुकड़ी के कमांडर को भेज दिया है।
चार महीने तक रहे पाक रेंजर्स के कब्जे में
बता दें कि सेना के जवान चंदू को पाकिस्तानी रेंजर्स ने करीब चार महीने तक अपने कब्जे में रखा और बेरहमी से पीटा और यातना दी और मरने जैसी हालत कर उन्हें भारत को सौंपा। पिछले महीने चंदू चौहान सड़क हादसे में घायल हो गए थे। उनके चेहरे और सिर में गंभीर चोटें आई हैं। चार दांत भी टूट गए हैं। भौंह, ओंठ पर भी चोटें आई है और अभी भी वह अस्पताल में भर्ती है। यह हादसा सड़क पर गड्ढे की वजह से तब हुआ जब वह मोटरसाइकिल से अपने गृहनगर बोहरीवीर जा रहे थे। हेलमेट नहीं पहने होने की वजह से अधिक चोटें आईं। वहीं, चंदू चौहान की तरफ से उत्पीड़न के आरोपों पर भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि वह लगातार गलतियां कर रहा है। उसके खिलाफ अनुशासनहीनता के 5 मामले में जांच चल रही है। इससे पहले उन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बताए बिना चौकी से जाने के लिए दंडित किया गया था। इसके बाद उन्हें महाराष्ट्र के अहमदनगर में सशस्त्र कोर में ट्रांसफर कर दिया गया था।