देहरादून: 2013 में 16/17 जून की रात को केदारनाथ में आई भीषण आपदा को शायद ही कभी कोई भुपा पाएगा। ऐसी आपदा, जिसके बारे में सोचने से ही दिल दहल जाता है। कल्पना करने से ही शरीर में सिहरन उठने लगी है। उस आपदा में हजारों लोग मारे गए थे। हाजारों आज तक लापता हैं। कई लोगों के कंकाल आज भी मिल रहे हैं।
उप आपदा में लापता लोगों खोज के लिए पांच दिन का खास अभियान चलाया गया था। उस अभियान के दौरान संडे को आखिरी दिन पांच दिन के अभियान के दौरान सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ ट्रैकिंग रूट पर कंकालों की खोज की जा रही थी। शनिवार शाम को केदारनाथ से लगभग 19 किमी पहले और गुमखड़ा से दो किमी नीचे गौरी माई खर्क के पास गुफा और घास के मैदान के पास कंकाल मिले।
इनके डीएनए के लिए सैंपल लेने के बाद सोनप्रयाग संगम इनका अंतिम संस्कार किया गया। आपदा में 4435 यात्रीध्स्थानीय लोग मारे गए थे, जबकि 3886 लोगों का पता नहीं लगा। पिछले सात सालों से कंकालों को खोजने का अभियान चलाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 703 कंकाल मिल चुके हैं। करीब 180 लोगों की अब तक पहचान हो सकी।