उधमसिंह नगर (मोहम्मद यासीन) : देश और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले दिव्यांग व्हील चेयर क्रिकेट के खिलाड़ी इन दिनों मुफ़लिस की जिंदगी जीने को मजबूर है। राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी लॉक डाउन के दौरान कोई सड़क में मजदूरी कर रहा है तो कोई कमीशन पर 4 हजार की नोकरी, कोई ई रिक्शा तो कोई ठेली लगा कर परिवार का भरण पोषण कर रहा है। बावजूद इसके सरकार के झूठे वादे के आगे अभी भी खिलाड़ी आस लगाए हुए है। अब खिलाड़ी सरकार से परिवार का भरण पोषण करने के लिए संविदा, ठेकेदारी या सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। सूबे के खेल मंत्री अरविंद पांडे ऊधम सिंह नगर जिले से ताल्लुक रखते हैं। इसके बावजूद अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी अपनी बदहाली में आंसू बहाने को मजबूर हैं। कुछ दिन पहले विल चेयर क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भारतीय टीम के पूर्व कप्तान की मनरेगा के तहत मजदूरी करने की खबर के बाद अंतराष्ट्रीय खिलाडी की एक ओर तस्वीरे सामने आई है।
4000 में अपने परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर खिलाड़ी
अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी धन सिंह महज 4000 में अपने परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर हैं। लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई मदद उन्हें नही मिल पाई। धन सिंह विल चेयर उत्तराखंड टीम के उप-कप्तान भी है। एचएचएन के संग उन्होंने अपने दर्द को बयां करते हुए कहा कि वह पहले साइकिल की पंचर की दुकान चलाते थे। धीरे धीरे उनका यह काम बंद हो गया। अब वह एक निजी डेरी में कमीशन पर काम कर रहे हैं। इसके एवज में उन्हें प्रतिमाह के 4 हजार रुपये मिलते है। जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।
कई नेशनल मैच खेल कर उत्तराखण्ड और देश को कर चुके हैं गौरवान्वित
उन्होंने बताया कि अब तक वह अंतराष्ट्रीय सीरीज के साथ साथ क़ई नेशनल मैच खेल कर उत्तराखण्ड ओर देश को गौरवान्वित कर चुके हैं। 2018 में रूद्रपुर में हुए अंतराष्ट्रीय मैच से उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत की थी। धन सिंह कोरंगा ने अपनी प्रतिभा का लोहा कई स्टेडियमों में मनवा चुके हैं। अंतराष्ट्रीय ओर राष्ट्रीय मैचों में उन्हें बेस्ट कैच, गुड फील्डिंग, मैन ऑफ द मैच, बेस्ट पार्टनर शिप, बेस्ट विकेटिंग के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है।
रोजगार मुहैया कराने की सरकार से मांग
एचएनएन से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि प्रदेश के दिव्यांग उत्तराखंड का नाम राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पटल पर क़ई बार रोशन कर चुके हैं लेकिन विल चेयर क्रिकेट टीम के खिलाड़ी रोजगार पाने के लिए दूसरों का मुंह ताक रही है। उन्होंने बताया कि क़ई खिलाड़ी ई-रिक्शा और ठेली लगा कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों को सरकार द्वारा योग्यता के अनुसार रोजगार मुहैया कराना चाहिए। ताकि उनके परिवार का भरण पोषण आसानी से हो सके।