देहरादून : अब तक प्रदेशभर से कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिससे साफ होता है कि डॉक्टर भगवान नहीं हैवान बनते जा रहे हैं औऱ उनके लिए मरीज की जान की कोई कीमत नहीं रह गई है…क्योंकि अगर भगवान कहलाए जाने वाले डॉक्टरों के लिए मरीज की जान कीमती होती तो एक मरीज जिसके पैर पर सरिया घुसा हुआ है करीब छह घंटे स्ट्रेचर पर तड़पता नहीं.
मरीज करीब 6 घंटे दर्द से कराहता रहा
मामला देहरादून के दून अस्पताल औऱ निजी अस्पताल का है जहां डॉक्टरों की मनमानी के कारण एक मरीज करीब 6 घंटे दर्द से कराहता रहा लेकिन किसी ने इलाज नहीं किया और इस दौरान सरकार द्वारा जारी अटल आयुष्मान कार्ड भी काम नहीं आया.
निजी अस्पताल वालों ने अटल आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने से किया मना
आपको बता दें कि मोहनी रोड स्थित संजय कॉलोनी में गया प्रसाद नामक युवक छत से गिरकर गंभीर रुप से घायल हो गया था…उसके शरीर में सरिया घुस गया था जिसके बाद उसे दून अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां डॉक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया औऱ उसके परिवारवालों को मरीज को कहीं और ले जाने को कहा जिसके बाद परिजन मरीज को करीब एक घंटे बाद निजी अस्पताल ले गए लेकिन निजी अस्पताल वालों ने अटल आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने से मना कर दिया और ढाई घंटे यहां भी बीत गए. जिसके बाद घायल युवक के परिजन उसे फिर से दून अस्पताल ले गए. घायल करीब ढाई घंटे यहां स्ट्रेचर पर दर्द से तड़पता रहा लेकिन किसी भी डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा. इससे साफ कहा जा सकता है कि भगवान कहलाए जाने वाले डॉक्टर हैवान बनते जा रहे हैं.
वहीं इसके बाद परिजनों की शिकायत पर कांग्रेस से पूर्व विधायक राजकुमार अस्पताल पहुंचे तब जाकर घायल का इलाज शुरु किया गया. वहीं इस मामले में चिकित्सा अधीक्षक केके टम्टा ने मामले की जांच की बात कही है.