सरकारी विभागों व निगमों की संख्या घटाकर आधी करने की सरकार की मुहिम की कड़ी में गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) व कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के एकीकरण के लिए शासन ने कसरत तेज कर दी है। इस क्रम में पर्यटन सचिव और कर्मचारी संघों के मध्य हुई बैठक में दोनों निगमों का उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीपी) में एकीकरण पर सहमति जताई गई। कर्मचारी संघों ने इस संबंध में दोनों मंडलों में कार्यरत निगम कर्मचारियों से रायशुमारी के लिए एक हफ्ते का वक्त मांगा है।
अविभाजित उत्तर प्रदेश में गढ़वाल में जीएमवीएन और कुमाऊं में केएमवीएन क्षेत्रीय विकास के साथ ही आर्थिकी संवारने का अहम जरिया थे। जीएमवीएन की ही बात करें तो गढ़वाल में उसके पास कोटद्वार में फ्लश डोर फैक्ट्री और तिलवाड़ा (रुद्रप्रयाग) में लीसा फैक्ट्री जैसी औद्योगिक इकाइयों के साथ ही फल प्रसंस्करण यूनिटें भी थीं। इनमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ था। दरवाजे आदि बनाने में फ्लश डोर फैक्ट्री की धाक देशभर में थी। धीरे-धीरे निगम की सभी इकाइयां बंद होती चली गई। ऐसी ही स्थिति कुमाऊं मंडल विकास निगम की भी है।
वर्तमान में दोनों निगमों की हालत दयनीय है। हालांकि, इसके लिए सरकारों की नीतियां भी जिम्मेदार रही हैं। अपने पास इन निगमों के रूप में बड़ा ढांचा होने के बावजूद सरकारों ने इन्हें काम देने में कन्नी काटी। उत्तराखंड बनने के बाद भी यह सिलसिला थमा नहीं। नतीजतन, दोनों निगम घाटे में आते चले गए। इस सबको देखते हुए मौजूदा सरकार ने अब दोनों निगमों के एकीकरण की ओर कदम बढ़ाए हैं। इस कड़ी में मंगलवार को सचिवालय में पर्यटन सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम ने इन निगमों के कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक की। सुंदरम के मुताबिक दोनों निगमों के एकीकरण अथवा यूटीडीपी में इनके एकीकरण पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। कर्मचारी संगठनों ने यूटीडीपी में एकीकरण पर सहमति जताई। साथ ही वरिष्ठता आदि से जुड़े मसलों पर अपनी आशंकाएं रखीं। इस पर साफ किया गया कि किसी भी कर्मचारी का कोई अहित नहीं होने दिया जाएगा।
पर्यटन सचिव के अनुसार कर्मचारी संगठनों से हफ्तेभर में राय मिल जाएगी। इसके बाद मसौदा तैयार कर इसे वित्त विभाग को राय के लिए भेजा जाएगा और फिर सैद्धांतिक सहमति के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट निर्णय के बाद एकीकरण का मसौदा तैयार कर इसे फिर कैबिनेट को भेजा जाएगा। तब जाकर एकीकरण की प्रक्रिया पूरी होगी।