देहरादून: विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक के नाम से नियुक्ति के फर्जी आदेश का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं नियुक्ति का यह आदेश सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है। मामला संज्ञान में आते ही महानिदेशक ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया है।
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने बताया कि कार्यालय में एक सहयोगी अधिकारी ने उन्हें अवगत कराया कि व्हाट्सएप और फेसबुक पर एक फर्जी आदेश निदेशक प्रारंभिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक उत्तराखंड को प्रेषित पत्र के रूप में प्रचलित किया जा रहा है। जिसके अंत में आदेशकर्ता अधिकारी के रूप में महानिदेशक का नाम अंकित है। उन्होंने बताया कि यह आदेश फर्जी है और आदेशों पर किए गए हस्ताक्षर भी उनके नहीं है।
फर्जी आदेश की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि आदेशों में राज्य के अशासकीय विद्यालयों और राजकीय इंटर कॉलेज में एलटी ग्रेड/प्रवक्ता व पूर्व में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को पुन: समायोजित करने और नए पदों पर भी नियुक्तियां आदि किए जाने की अनुमति दी गई है, जो पूरी तरह से गलत है।
फर्जी आदेश के कारण उत्तराखंड शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच भारी आक्रोश है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर जारी किए गए इस पत्र को लेकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। विभागीय स्तर पर पुलिस प्रशासन से मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है।