देहरादून- सूबे की डबल इंजन की सरकार अपनी नेमत बरसाई जा रही है। टीएसआर कैबिनेट ने उन उन लोगों को भूस्वामी होने का मौका दे दिया है जो सालों से राज्य की सरकारी नजूल भूमि में काबिज हैं।
कैबिनेट ने नजूल भूमि नीति को मंजूरी दी। इससे राज्य में नजूल भूमि पर काबिज हजारों लोगों को मालिकाना हक मिल सकेगा। नजूल भूमि पर पूरी तरह से अवैध कब्जाधारक 300 वर्गमीटर से ज्यादा भूमि फ्रीहोल्ड नहीं करा सकेंगे।
मंत्रिमंडल ने नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड करने की नीति को स्वीकृति दी। इससे फैसले से हजारों परिवारों को राहत मिलने जा रही है। राज्य में दो करोड़ 41 लाख 97 हजार 186 वर्गमीटर नजूल भूमि है। आजादी से पहले और बाद में कई लोगों को उक्त भूमि पर मालिकाना हक के लिए नीतियां बनाई गईं, लेकिन इनका ठीक ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पाया। अब सरकार ने नजूल भूमि नीति की तीन श्रेणियां बनाकर सर्किल रेट के आधार पर भूमि फ्रीहोल्ड शुल्क तय कर दिया है।
आवासीय श्रेणी
नीति के मुताबिक जिन्होंने नियमों का उल्लंघन नहीं किया, उन्हें 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 25 फीसद, 200 से 500 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 35 फीसद व 500 वर्गमीटर से ज्यादा होने पर 60 फीसद सर्किल रेट देना होगा।
जबकि पट्टे का नवीनीकरण नहीं कराने वालों को 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 30 फीसद, 500 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 50 फीसद और इससे ज्यादा होने पर 70 फीसद जमा कराना होगा।
-शर्तो का उल्लंघन करने व गलत तरीके से पट्टा हस्तांतरण करने वालों को 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 60 फीसद, 500 वर्गमीटर तक 80 फीसद व 500 वर्गमीटर से अधिक भूमि पर 110 फीसद सर्किल रेट को बतौर मूल्य देना होगा।
व्यावसायिक श्रेणी
शर्तों का पालन करने वालों को 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 40 फीसद, 500 वर्गमीटर तक 50 फीसद व इससे अधिक भूमि पर 80 फीसद सर्किल रेट जमा कराना होगा। इस श्रेणी में पट्टे नवीनीकरण नहीं कराने वालों को सर्किल रेट का क्रमश: 50 फीसद, 70 फीसद व 90 फीसद मूल्य और शर्तों का उल्लंघन करने वालों को सर्किल रेट का क्रमश: 80 फीसद, 100 फीसद व 130 फीसद मूल्य देना होगा।
अवैध कब्जा यानी पूर्ण उल्लंघन
पूरी तरह शर्तों का उल्लंघन व अवैध कब्जाधारक 300 वर्गमीटर से ज्यादा भूमि फ्रीहोल्ड नहीं करा सकेंगे। 300 वर्गमीटर तक उन्हें आवासीय श्रेणी में सर्किल रेट का 120 फीसद, व्यावसायिक श्रेणी में 150 फीसद मूल्य जमा कराना होगा।