हरिद्वार: सत्ता पक्ष के विधायकों ने सीएम से विधायकों ने शिकायत की थी कि अधिकारी उनकी बात सुनना तो दूर, फोन तक नहीं उठाते। इस शिकायत के तुरंत बाद इस तरह का मामला भी सामने आया गया। हालांकि ये मामला विपक्ष के विधायक से जुड़ा है। विधायक ने कई बार फोन किया, लेकिन तहसीलदार ने फोन नहीं उठाया। इससे विधायक ग्रामीणों के साथ तहसील पहुंच गई। जहां तहसीलदार आराम से बैठी थीं।
कॉल रिसीव नहीं करने को लेकर विधायक और तहसीलदार आमने सामने आ गई हैं। गुस्से में विधायक कुछ ग्रामीणों के साथ तहसीलदार कार्यालय पहुंचीं और फोन नहीं उठाने की बात कहते हुए भड़क गईं। विधायक और तहसीलदार में तीखी नोकझोंक होने से तहसील में माहौल गरमा गया। विधायक ने तहसीलदार पर कॉल रिसीव नहीं और लोगों के काम न करने का आरोप लगाया तो तहसीलदार ने भी विधायक पर आरोप लगाया कि वह फोन कर अनावश्यक काम करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया। वहीं, लोगों की मानें तो तहसीलदार अक्सर लोगों के फोन नहीं उठाती हैं। जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
भगवानपुर से कांग्रेस विधायक ममता राकेश का शनिवार को उस समय पारा हाई हो गया, जब तहसीलदार सुशीला कोठियाल ने उनका फोन रिसीव नहीं किया। वह बार-बार तहसीलदार को फोन करती रहीं, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। वह कुछ ग्रामीणों के साथ तहसील स्थित तहसीलदार कार्यालय ही पहुंच गईं और तहसीलदार से कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही कहा कि जब वह विधायक का फोन रिसीव नहीं कर रही हैं तो आम जनता को क्या हाल होगा?