देश के लिए आज एक बुरी खबर आई। जी हां आज देश ने एक सैन्य अधिकारी को खो दिया। कड़ी मेहनत के बाद मिली वर्दी को लेकर अफसर आकाश में जुनून था लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि चंद दिनों बाद वो ये वर्दी कभी नहीं पहन पाएंगे। जी हां आपको बता दें कि असम में मुजफ्फरनगर के अलावलपुर गांव के निवासी सेना में लेफ्टिनेंट आकाश असम में देर रात ड्यूटी पर पेट्रोलिंग के दौरान हुए हादसे में शहीद हो गए। इकलौते बेटे की मौत की खबर से परिवार वाले टूट गए। मां बेसुध है, पिता के आंसू नहीं थम रहे। दो बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इकलौते बेटे को खोने का गम परिवार को बार बार तोड़ रहा है।
15 जुलाई की शाम को किया था घर फोन, कहा था-अभी तो शुरुआत है
शहीद लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी के पिता केपी सिंह ने बताया कि 15 जुलाई की शाम उनके बेटे का फोन आया था। तब उसने अपनी मां कमलेश और पिता से बात की थी। आकाश बहुत खुश था। नौकरी उसे मिल चुकी थी। वह अक्सर यही कहता था, कि अभी तो उसकी शुरुआत है। अभी आगे चलकर और बड़ा अफसर बनेगा और अपने परिवार का नाम रोशन करेगा। लेकिन उसे क्या मालूम था कि दो दिन बाद वो इस दुनिया को अलविदा कह जाएंगे।
फफक-फफक कर रो पड़े पिता
बेटे की बातों को याद करते हुए पिता फफक-फफक कर रो पड़े। जानकारी मिली है कि शहीद आकाश का शव शनिवार को मेरठ उनके घर लाया जाएगा, जहां पर उसका पूर्ण राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार होगा। मुजफ्फरनगर जनपद के भोराकलां थाना क्षेत्र के गांव अलावलपुर माजरा का निवासी 24 साल के आकाश चौधरी इसी साल सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर पासिंग आउट हुए थे और असम में उनकी पहली पोस्टिंग थी। उनके अंदर फौज की वर्दी को लेकर जुनून था। बचपन से उन्हे सेना में जाने का शोक था।
रात को टीम के साथ पेट्रोलिंग पर थे आकाश
शहीद के परिवार वालों को सेना के अधिकारियों ने फोन कर बताया कि गुरुवार रात आकाश अपने साथियों के साथ रोजाना की तरह पेट्रोलिंग पर था। पेट्रोलिंग करते हुए आकाश असंतुलित होकर ऊंचे पहाड़ से खाई में गिर गए और उनकी मौत हो गई। आकाश की शहादत की खबर शुक्रवार दोपहर के समय गांव में पहुंची तो शोक छा गया। कुछ दिन पहले ही आकाश सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पहली पोस्टिंग पर गए थए। वे घर के इकलौते बेटे थे। शहीद लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह मेरठ उनके घर पहुंचेगा औऱ उनका अंतिम संस्कार मेरठ में ही किया जाएगा। वहीं इस खबर से पूरे गांव और मोहल्ले सहित देश में शोक है।
दो बहनों के इकलौते भाई थे आकाश
मिली जानकारी के अनुसार शहीद लेफ्टिनेंट आकाश के पिता चौधरी कंवर पाल चीनी मिल में तैनात हैं और वर्तमान में मेरठ में रह रहे हैं। आकाश की दो बहनें हेैं जिनकी शादी हो चुकी है। राखी का त्यौहार आने वाला है लेकिन राखी से कुछ ही दिनों पहले दोनों बहनें अपने इकलौते भाई को खो दिया लेकिन बहनों को गर्व है कि भाई देश के लिए शहीद हुआ।
7 मार्च 2020 को चेन्नई में पासिंग आउट परेड हुई थी
मिली जानकारी के अनुसार 7 मार्च 2020 को चेन्नई में पासिंग आउट परेड हुई थी। उसके बाद आकाश को 12 सिख रेजिमेंट में असम के कोबरा जाहर में पहली पोस्टिंग मिली थी। पोस्टिंग पर जाने से पहले आकाश 20 दिन की छुट्टी पर अपने घर सिल्वर सिटी आ गए थे। इस बीच लॉक डाउन लग गया। सेना के अफसरों का आदेश था कि जो जवान और अधिकारी अवकाश पर हैं, वह घर ही रहे। सूचित कर बाद में बुला लिया जाएगा। लॉकडाउन में रियायत मिली तो 26 मई को आकाश चौधरी अपनी पोस्टिंग पर असम को रवाना हो गए।