देहरादून/उत्तरकाशी- गोमुख की सेटेलाइट से मिली तस्वीर और आई बी की सूचना के सक्रिय हुए प्रशासन की टीम गोमुख का जायजा लेने से पहले लौट आई है। मौसम के हालात और आधे-आधूरे साजो सामान ने 12 सदस्यीय टीम के हौंसले को कनखू बैरियर में घुटने के बल बैठा दिया। लिहाजा मजबूरन अब प्रशासन को मौसम खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है।
दरअसल आईबी और सेटेलाइट से मिले इनपुट से पता चला है कि गंगा के उद्गम स्थल गोमुख के नजदीक भूस्खलन हुआ है। हालांकि मलबे की वजह से पानी के रंग बदलने के कोई संकेत टीम को नहीं मिले हैं। हालांकि भागीरथी के बहाव का रुख मामूली बदलने का अंदेशा लगाया जा रहा है लेकिन उसके प्रवाह पर कोई असर नहीं पड़ा है।
सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने बताया कि गोमुख के नजदीक जिस स्थान पर भूस्खलन हुआ है, वहां आए मलबे के कारण नदी के बहाव का रुख थोड़ा बदला है, लेकिन झील नहीं बनी है। भागीरथी का प्रवाह निरंतर बना हुआ है। नदी के प्रवाह की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर से रेकी करने में मौसम दुश्वारियां खड़ी कर रहा है। मौसम साफ रहा तो हेलीकॉप्टर उड़ान भरेंगे।
उधर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान को स्थिति से अवगत कराया। बताया कि पर्याप्त संसाधनों की कमी और भारी बर्फवारी के कारण टीम कनखू से आगे नहीं बढ़ सकी। डॉ.चौहान ने बताया कि मौसम ठीक होते ही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के दल के साथ टीम को दोबारा गोमुख भेजा जाएगा। डीएम के अनुसार टीम के सदस्यों ने यह भी जानकारी दी कि कहीं भी भागीरथी का पानी मटमैला होने के संकेत नहीं मिले।