कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रही दुनिया को ब्रिटिश हेल्थ एक्सपर्ट ने अति आशावाद से बचने को कहा है। यूनाइटेड किंगडम की कोविड वैक्सीन टास्क फोर्स की प्रमुख केट बिंघम ने कहा कि शुरुआती टीके ‘अधूरे’ हो सकते हैं। मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ में UK की वैक्सीन टास्क फोर्स की प्रमुख ने लिखा है कि शुरुआती कोविड-19 वैक्सीन परफेक्ट नहीं होंगी, इसकी संभावना ज्यादा है। दूसरी तरफ, वैक्सीन के टॉप कैंडिडेट्स में से एक, फाइजर ने इसी साल वैक्सीन उपलब्ध होने की संभावना जताई है।
कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव अल्बर्ट बूर्ला ने कहा कि अगर क्लिनिकल टेस्टिंग उम्मीद के हिसाब से चली और रेगुलेटर्स ने अप्रूवल दे दिया तो वह अमेरिका को 2020 में ही लगभग 4 करोड़ डोज सप्लाई कर सकते हैं। यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, केट बिंघम ने कहा कि यह संभव है कि शुरुआती टीके सब पर असर न करें। उन्होंने कहा, “हालांकि हमें नहीं पता कि हम कभी वैक्सीन हासिल कर भी पाएंगे या नहीं। यह महत्वपूर्ण है कि हम लापरवाही न करे और अति-आशावाद से बचें।
फाइजर को अमेरिकी सरकार से इस साल के अंत तक वैक्सीन की 4 करोड़ डोज सप्लाई करने का ठेका मिला है। कंपनी को मार्च 2021 तक 10 करोड़ डोज सप्लाई करनी हैं। उन्होंने कहा, “अगर सबकुछ ठीक रहता है तो हम शुरुआती डोज डिस्ट्रीब्यूट कर पाएंगे। हालांकि कपंनी अभी तक वैक्सीन की प्रभावोत्पादकता (efficacy) के तय पैमानों तक नहीं पहुंची है।
भारत और अमेरिका ने मंगलवार को कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए साझेदारी का संकलप दोहराया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो एवं रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के बीच 2+2 वार्ता में कोरोना पर भी चर्चा हुई। बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने टीके, उपचार, निदान, वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक चिकित्सा उपकरणों के विकास में सहयोग मजबूत करने का अपना संकल्प दोहराया।