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हरिद्वार: 2022 की बिसात में भाजपा-कांग्रेस के मुकाबला माना जा रहा है। लेकिन, कई सीटों पर निर्दलीय और आम आदमी पार्टी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। ऐसी ही एक सीट हरिद्वार जिले की ज्वालापुर सीट भी है। बरखा रानी का टिकट बदलने और एसपी सिंह इंजीनियर की बगावत से समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेस में भीतरघात की भी संभावना बनी है। जिससे कांग्रेस हर तरह से डैमेज कंट्रोल करने में जुटी है।
ज्वालापुर सुरक्षित सीट है। भाजपा के सुरेश राठौर दूसरी बार पार्टी के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने यूथ कोटे से इंजीनियर रवि बहादुर को मैदान में उतारा है। वहीं, बसपा से प्रदेश अध्यक्ष शीशपाल सिंह प्रत्याशी हैं। काग्रेस ने यहां पहले जिला पंचायत अध्यक्ष रही बरखा रानी को उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन, कई असंतुष्ट कांग्रेसियों ने विरोध शुरू कर दिया था। जिससे पार्टी को टिकट बदलना पड़ा और रवि बहादुर को मैदान में उतारा।
सीट पर दलित समाज के करीब 30 हजार वोटर हैं। जबकि, वाल्मीक वोट तीन हजार के आसपास हैं। दलित समाज से बरखा रानी का टिकट कटने से समाज में कहीं न कहीं पार्टी के प्रति नाराजगी है। उनके कई समर्थक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होकर अपनी नाराजगी जता भी चुके हैं।
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नए परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में सीट पर पहला चुनाव भाजपा के चंद्रशेखर प्रधान ने जीता था। दूसरे चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुरेश राठौर ने जीत दर्ज की थी। इस बार दूसरी बार वह फिर से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं। इस सीट पर 116856 कुल मतदाता हैं। जिनमें पुरुष 62226 और 54483 महिला वोटर हैं।