देहरादून- पूर्वांचल का कुख्यात डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। एडीजी का कहना है कि उत्तराखंड के कुख्यात बदमाश सुनील राठी ने ही मुन्ना की हत्या की है. दोनों के बीच लड़ाई हुई थी.
दरअसल आज पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी। मुन्ना बजरंगी को रविवार झांसी जेल से बागपत लाया गया था। उसे तन्हाई बैरक में कुख्यात सुनील राठी और विक्की सुंहेड़ा के साथ रखा गया था।जेल में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। जेल में माफिया डॉन की हत्या से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
सुनील राठी उत्तराखंड-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराध जगत का बड़ा नाम
आपको बता दें सुनील राठी उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराध जगत का बड़ा नाम है. अपने पिता की हत्या के बाद उसने चार हत्याएं की थीं. मुन्ना बजरंगी की हत्या के लिए रुड़की जेल से बागपत जेल शिफ्ट हुआ था सुनील राठी.
सुनील राठी यूपी के साथ उत्तराखंड में सक्रिय है
पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। घटना के सूचना के मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जेल पहुंचे और घटना का जायजा लिया। इस बीच लखनऊ में राज्य के पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रवीन कुमार ने भी शुरुआती जांच हत्या में कुख्यात अपराधी सुनील राठी का हाथ बताया। सुनील राठी यूपी के साथ उत्तराखंड में सक्रिय है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलर को किया निलंबित
इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलर को निलंबित कर दिया है और न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने कहा, जेल परिसर के अंदर होने वाली ऐसी घटना एक गंभीर बात है। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
10 दिन पहले ही पत्नी ने जताई दी थी पति की हत्या की आशंका
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुन्ना बजंरगी की पत्नी ने अपने पति की हत्या कराने जांन की आशंका जताते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। पिछले दिनों लखनऊ में हुए एक गैंगवार में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह की हत्या कर दी गई। गत शुक्रवार को मुन्ना पुलिस अभिरक्षा के बीच साले की तेरहवीं में भाग लेने के लिए विकासनगर कॉलोनी आया था।
कौन है मुन्ना बजरंगी? 20 साल के आपराधिक जीवन में 40 हत्याएं की
मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है। उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था। उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे. मगर मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया। उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। किशोर अवस्था तक आते आते उसे कई ऐसे शौक लग गए जो उसे जुर्म की दुनिया में ले जाने के लिए काफी थे। मुन्ना बजरंगी ने एक बार दावा किया था है कि उसने अपने 20 साल के आपराधिक जीवन में 40 हत्याएं की हैं. इसी दौरान 1984 में मुन्ना ने लूट के लिए एक व्यापारी की हत्या कर दी जिसके बाद ये सिलसिला जारी रहा.
मुन्ना ने की भाजपा विधायक की हत्या
मुख्तार से फरमान मिल जाने के बाद मुन्ना बजरंगी ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को खत्म करने की साजिश रची, और उसी के चलते 29 नवंबर 2005 को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के कहने पर मुन्ना बजरंगी ने कृष्णानंद राय को दिन दहाड़े मौत की नींद सुला दिया। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर लखनऊ हाइवे पर कृष्णानंद राय की दो गाड़ियों पर AK47 से 400 गोलियां बरसाई थी। इस हमले में गाजीपुर से विधायक कृष्णानंद राय के अलावा उनके साथ चल रहे 6 अन्य लोग भी मारे गए थे।
हर मृतक के शरीर से 60 से 100 तक गोलियां बरामद हुईं
पोस्टमार्टम के दौरान हर मृतक के शरीर से 60 से 100 तक गोलियां बरामद हुईं थ। इस हत्याकांड ने सूबे के सियासी हलकों में हलचल मचा दी। हर कोई मुन्ना बजरंगी के नाम से खौफ खाने लगा। इस हत्या को अंजाम देने के बाद वह मोस्ट वॉन्टेड बन गया था।
सात लाख का इनामी था मुन्ना
भाजपा विधायक की हत्या के अलावा कई मामलों में उत्तर प्रदेश पुलिस, एसटीएफ और सीबीआई को मुन्ना बजरंगी की तलाश थी। इसलिए उस पर सात लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया। उस पर हत्या, अपहरण और वसूली के कई मामलों में शामिल होने के आरोप है। वो लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहा। पुलिस का दबाव भी बढ़ता जा रहा था।
मुंबई के मलाड इलाके में नाटकीय ढंग से किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश समते कई राज्यों में मुन्ना बजरंगी के खिलाफ मुकदमे दर्ज थे। वह पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन चुका था। उसके खिलाफ सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं। लेकिन 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना को मुंबई के मलाड इलाके में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया था। माना जाता है कि मुन्ना को अपने एनकाउंटर का डर सता रहा था। इसलिए उसने खुद एक योजना के तहत दिल्ली पुलिस से अपनी गिरफ्तारी कराई थी।