देहरादून- उत्तराखंड के पहाड़ों में कुछ ऐसी फसलें हैं जिनकी मैदान में बहुत डिमांड है। हालांकि पहाड मे अब बढ़ते जंगली जानवरों के आतंक और नौजवनों की कमी के चलते खेती कम हो रही है। बावजूद इसके जो उपज पैदा होती है उसे सही बाजार के आभाव में दाम नहीं मिल पाता। दूर-दराज के पैदल रास्ते वाले गांवों में पहाड़ी किसान को यूपी से आए व्यापारी के आदमी का ही सहारा है। यानि पहाड़ी उपज और बाजार के बीच में यहां बिचौलिया की बड़ी भूमिका है। फिर चाहे वो रामदाने की फसल हो,राजमा की हो या फिर अदरक और आलू की। बहरहाल सरकार पहाड़ के किसानों को बिचौलिए से बचाने के लिए पहाड़ी नगर-कस्बों में उपमंडी बनाने का प्रस्ताव भी कैबिनेट के सामने रखा जा सकता है इसकी पूरी संभावना दिख रही है। इससे पहाड़ी किसानों को जहां उपज का सही दाम मिलेगा वहीं उपमंडी बनने से क्षेत्रीय सियासत में पकड़ बनने के साथ सरकार के राजस्व में इजाफा भी होगा।