सूबे के ऊर्जा विभाग का जिम्मा खुद राज्य के मुख्यमंत्री के काबिल कंधों पर है बावजूद इसके विभाग के तीनो निगम आकंठ भ्रष्ट्राचार में डूबे हैं। ये आरोप लगाएं हैं भाजपा नेता और राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान ने। सूबे के मुखिया को आरोपों के कटघरे में खड़ा करते हुए जुगरान ने सवाल किया है कि जब ऊर्जा महकमे का जिम्मा सीएम के पास है तो वहां अनियमितताएं क्यों? जुगरान ने हवाला देते हुए कहा कि पिटकुल के एच आर प्रबंधक पी.सी. ध्यानी की नियुक्ति कायदे कानून को ताक पर रख कर की गई है। जुगरान ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि पी.सी.ध्यानी की नियुक्ति की फाइल पर राज्यपाल ऐतराज जता चुुके थे बावजूद इसके ध्यानी को नियुक्ति दी गई है। जुगरान ने प्रेस के जरिए सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सरकार ने निगम के भ्रष्ट्राचार पर काबू करते हुए भ्रष्ट्राचारियों पर कड़ी कार्रवाई नही की तो वे हाईकोर्ट की शरण में जांएगे। बहरहाल देखना ये दिलचस्प होगा कि सरकार जुगरान की चेतावनी को किस अदांज में लेती है या जुगरान अपनी बात पर कितना कायम रहते हैं।