नैनीताल- अक्सर इकलौते बेटे को गंवाने वाले पिता की हिम्मत जवाब दे जाती है। लेकिन तारीफ करनी होगी रवींद्र कुमार की जिन्होंने तमाम सरकारी तूफानों के बाद भी न्याय के चिराग को बुझने न दिया। इंसाफ की लड़ाई लड़ते रहे और आखिरकार सरकार और जिम्मेदार अधिकारियों को अदालत की देहरी पर हाजिर होना ही पड़ेगा।
जी हां आपके जेहन में साल 2012 का हरिद्वार ओनिडा फैक्ट्री में हुए हृद्यविदारक अग्निकांड की याद ताजा होगी। उस आग हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी। पीड़ितो ने CBI जांच की मांग की थी लेकिन सरकार रहमदिल नहीं बनी।
लिहाजा अपने इकलौते बेटे को अग्नि हादसे में गवाने वाले रविंद्र कुमार ने इंसाफ का चिराग जला दिया और मामले की सीबीआई जांच को लेकर याचिका दायर कर दी। जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाइकोर्ट ने राज्य सरकार, सचिव ओमप्रकाश सीबीआई समेत आईपीएस केवल खुराना और एसएचओ रवींद्र डंडियाल को नोटिस भेज कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
याचिका पर सुनवाई जस्टिस वीके बिष्ट की बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अनुसार इस भीषण अग्निकांड में कुल 11 लोगों की जलने से मौत हो गई थी। याची रविंद्र कुमार का आरोप था कि पुलिस शुरू से ही इस मामले में ओनिडा के मालिक और प्रबंधक को बचाने का प्रयास कर रही थी। पुलिस ने प्राथमिकी में उनके नाम तक दर्ज नहीं किए। बाद में इस मामले की शिकायत डीआईजी से की गई तो उनके हस्तक्षेप पर इनके नाम एफआईआर में शामिल किए गए थे।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि मामले में बड़े लोगों के आरोपी होने के चलते पुलिस इसकी जांच में ढिलाई बरत रही है और सात वर्षों में भी जांच में प्रगति नहीं हुई है। रवींद्र कुमार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की जिस पर कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए हैं।