दिल्ली : तराई-भाबर के लिए जीवन मरण का प्रश्न बन चुकी बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना को लेकर एक बार फिर से चर्चाएं शुरु हो गई है. दरअसल नैनीताल से सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने लंबे समय से चली आ रही नैनीताल-उधमसिंह नगर के बहुप्रत्याक्षित जमरानी बांध की मांग पर आज अपना पक्ष संसद में रखा और सरकार से अनुरोध किया की जल्द से जल्द इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरु किया जाए. जमरानी बांध मामले पर अजय भटट् ने कहा कि मेरा पूर्ण विश्वास है जल्द से जल्द सरकार इसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल कर इसका निर्माण शुरू करेगी।
यूपी और उत्तराखंड दोनों राज्यों के एमओयू साइन किए गए-भट्ट
इसी के साथ सांसद अजय भट्ट ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड दोनों राज्यों के एमओयू साइन किए गए हैं. जमरानी बांध मिलने से नैनीताल के साथ ही तराई क्षेत्र में भी पेयजल किल्लत खत्म होगी. अजय भट्ट के इस मुद्दे को संसद में उठाने से लोगों में एक आस जगी है. आपको बता दें कि अब जमरानी बांध निर्माण की लागत 2584 करोड़ हो गई है जो की 1975 में 61.25 करोड़ रुपये थी.
1975 में केंद्रीय जल आयोग से जमरानी बांध परियोजना को मिली थी मंजूरी
बता दें कि लंबे जन आंदोलन के बाद वर्ष 1974 में केंद्रीय जल आयोग से जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी मिली थी। तब 61.25 करोड़ रुपये भी परियोजना के लिए स्वीकृत किए गए थे। इसके तहत 1981 में गौला बैराज और 40 किमी लंबी नहरों का निर्माण किया गया, जिसमें 24.59 करोड़ रुपये खर्च हुए। 1984 में परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया गया। आज 35 वर्ष गुजर गए, परियोजना को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिली। मंत्रालय की नई-नई आपत्तियों का जवाब देते-देते अब सिंचाई महकमा भी हार गया है। भाजपा और कांग्रेस ने चुनावों में जमरानी को भी मुद्दा बनाया पर कोई भी सरकार जमरानी की गाड़ी को पटरी पर नहीं ला सकी है।
अजय भट्ट ने सरकार से किया अनुरोध
लेकिन अब नैनीताल-उधमसिंह नगर से सांसद अजय भट्ट के इस मुद्दे को संसद में उठाने से लोगों में आस जगी है. अजय भट्ट ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस बांध का निर्माण जल्द से जल्द शुरु किया जाए.