गदरपुर : एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयुष को देश और विदेशों में बढ़ाने की पुरजोर वकालत कर रहे हैं और पिछले 5 साल में आयुष मंत्रालय का बजट 1.260 करोड़ से बढ़कर 1.746 करोड़ सालाना कर दिया गया है. आयुर्वेद का उद्गम स्रोत चरक ऋषि की जन्म स्थली वाले उत्तराखंड राज्य में आयुर्वेद की मूलभूत इकाई जड़ी बूटियों का उत्पादन वर्तमान राज्य सरकार की उदासीनता के कारण दुर्दशा का शिकार हो चुका है। यह खुलासा आज भूतपूर्व राष्ट्रपति के मानद चिकित्सक रहे पदम श्री सम्मानित वैद्य बालेंदु प्रकाश ने रतनपुरा स्थित विशिष्ट आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र में पत्रकार वार्ता के दौरान किया।
कई सारी बेशकीमती जड़ी बूटियों 7 सालों में बंद किया गया
जी हां मीडिया से रुबरु होते हुए पदम श्री सम्मानित वैद्य बालेंदु प्रकाश ने कहा है कि 10 साल पहले साल 2010 में जड़ी बूटी शोध के लिए कार्य शुरु किया गया था जिसमें से अधिकांश बेशकीमती जड़ी बूटी की पैदावार के लिए 21 लाख का लक्ष्य रखा गया, तो वहीं 2019 तक आते-आते 5000 तक ही सीमित रह गयी। इसके अलावा कई सारी बेशकीमती जड़ी बूटियों को इन 7 सालों में बंद कर दिया गया ।
बोले : सरकार फिर कैसे शासन प्रदेश को जड़ी बूटी बनाने का सपना देख रही?
पदम श्री सम्मानित वैद्य बालेंदु प्रकाश ने कहा है कि करोड़ों रुपए जब केंद्रीय सरकार से जड़ी बूटी लगाए जाने के लिए प्रोत्साहन के लिए दिया जाता है तो वहां पैसा किस मद में किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि लगभग 9 करोड़ के सालाना बजट मंत्रालय अधिकारी और 54 कर्मचारियों की फौज के बावजूद बद से बदतर हुआ यहां विभाग। कहा कि कितनी विडंबना की बात है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले राज्य औषधीय पादप बोर्ड कि पिछले 10 वर्षों में कोई बैठक नहीं की गयी. फिर कैसे शासन प्रदेश को जड़ी बूटी बनाने का सपना देख रहे हैं?
किया गया हेरफेर
उन्होंने कहा है कि पूरा मामला सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत 10 दिसंबर 2019 से मांगी गई रिपोर्ट से यहां पता चला है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि करोड़ों रुपए का हेरफेर किया जा रहा है।