उत्तराखंड को देवों और वीरों की भूमि के नाम से भी लोग जानते हैं…उत्तराखंड से बड़ी संख्या में जवान सीमा पर तैनात हैं औऱ देश की रक्षा कर रहे हैं. 1 नवंबर सन 2000 को यूपी से अलग होकर ये 27वां राज्य बना उसवक्त राज्य का नाम उत्तरांचल रखा गया. जिसका नाम बदलकर अब उत्तराखंड है.
उत्तराखंड का जिला पौड़ी गढ़वाल
इसी का एक जिला है जहां से देश की बड़ी-बड़ी हस्तियां निकली है औऱ उनका खौफ पूरी दुनिया खाती है. मौजूदा वक़्त में इसी जिले के दो लोग अलग अलग राज्यों के सीएम हैं. यही नहीं देश की टॉप सुरक्षा एजेंसियों के हेड भी इसी जिले के ही रहने वाले हैं. ये जिला है उत्तराखंड का पौड़ी गढ़वाल. पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड के दक्षिण में ये यूपी के बॉर्डर के पास है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत
त्रिवेंद्र सिंह रावत 2002 में पहली बार डोईवाला सीट से एमएलए बने. तब से वहां से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं. ये आरएसएस के प्रचारक रहे हैं. 2007 से 2012 के दौरान कृषि मंत्री भी रहे हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल के खैरासेन गांव में पैदा हुए थे. इन्होंने उत्तराखंड की हेमवती नन्दन बहुगुणा यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. इनकी दो बेटियां है औऱ पत्नी सुनीता रावत शिक्षिका हैं.
इनके इलावा भी चार और सीएम पौड़ी गढ़वाल डिस्ट्रिक्ट से रहे हैं. हेमावती नन्दन बहुगुणा, मेजर जनरल भुवन चंद खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा.
योगी आदित्यनाथ
यूपी के सीएम योगी का होमटाउन पौड़ी है. योगी यूपी के गोरखपुर मठ के महंत हैं. गोरखपुर सीट से 1998 से लगातार 5 बार सांसद रहे हैं. योगी भाजपा का हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा हैं. ‘हिन्दू युवा वाहिनी’ के संस्थापक भी हैं. अक्सर अपने बयानों की वजह से विवादों में रहने वाले योगी का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है. ये पौड़ी गढ़वाल के पंचौर गांव में पैदा हुए थे।
अजित डोभाल
भारत के जेम्स बॉन्ड कहे जाने वाले अजीत डोभाल देश के NSA (नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर) हैं. ये 1968 बैच के आइपीएस ऑफिसर हैं. मई 2014 में इन्हें NSA बनाया गया था. डोभाल अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीबी समझे जाते थे. वाजपेयी सरकार में आईबी के निदेशक भी रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के भी काफी करीबी हैं. कंधार हाईजैक हो या पाकिस्तान में दाऊद का पीछा करना, ऐसे न जाने कितने ऑपरेशन को इन्होने अंजाम दिया है. ये पौड़ी गढ़वाल के घीड़ी बानेलस्यूं में पैदा हुए थे.
- लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत
रावत दिसम्बर 2016 में 27वें आर्मी चीफ बने. ये भी पौड़ी गढ़वाल डिस्ट्रिक्ट में पैदा हुए. इनके पिता लछु सिंह रावत भी आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल थे. रावत ने 1978 में आर्मी ज्वाइन की थी. जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद गोरखा राइफल से लगातार दूसरे चीफ बने हैं. हेलिकॉप्टर क्रैश में भी बाल-बाल बचे थे. रावत 2008 में कांगो में यूएन के शांति ऑपरेशन के दौरान इंडियन ब्रिगेड के हेड भी रह चुके हैं. रावत को उनके दो सीनियर ऑफिसर्स लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और पी एम हरीज को पीछे छोड़ आर्मी चीफ बनाया गया था.
अनिल कुमार धस्माना
धस्माना 1981 बैच के आइपीएस ऑफिसर हैं. इन्होने 1993 में रॉ ज्वाइन किया था. बाहरी खुफिया एजेंसियों के पाकिस्तान डेस्क के साथ बड़े पैमाने पर काम कर चुके हैं. धस्माना अजीत डोभाल के काफी करीबी माने जाते हैं. ये भी पौड़ी गढ़वाल डिस्ट्रिक्ट में पैदा हुए।