
इंद्रेश मैखुरी ने पार्टी की ओर से कहा कि उत्तराखंड सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य के पति गिरधारी लाल साहू पर धोखाधड़ी से अपने ही कर्मचारी नरेश गंगवार की किडनी चोरी का आरोप लगा है। यह बेहद गंभीर आरोप है। भाकपा(माले) यह मांग करती है कि, गिरधारी लाल साहू के खिलाफ तत्काल आपराधिक मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए।
वहीं भाकपा(माले) उत्तराखंड सरकार से यह भी मांग करती है कि रेखा आर्य को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए ताकि सत्ता के प्रभाव से अपने अपराधी पति का किसी तरह बचाव न कर सकें।
मैखुरी ने अपनी पार्टी की ओर से कहा कि, भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलेरेंस का नारा देने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की इस प्रकरण पर ख़ामोशी बेहद निंदनीय है। रेखा आर्य का पूरा प्रकरण बताता है कि जीरो टोलेरेंस एक खोखला नारा है। गिरधारी लाल साहू के गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड के बावजूद न केवल भाजपा ने रेखा आर्य को विधायक का टिकट दिया बल्कि मंत्री भी बनाया।
इंद्रेश ने कहा कि रेखा आर्य लगातार साहू के खिलाफ चलने वाले गंभीर मामलों को प्रभावित करने की कोशिश करती रही हैं। इस प्रकरण में रेखा आर्य की अल्मोड़ा के पूर्ववर्ती जिलाधिकारी सविन बंसल से तीखी झड़प भी हुई थी। गिरधारी लाल साहू पर जमीन हड़पने से लेकर गुंडागर्दी तक के गंभीर आरोप हैं।
मैखुरी ने कहा कि, साहू न केवल आपराधिक चरित्र के व्यक्ति के हैं बल्कि बरेली में पुलिस रिकॉर्ड में एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी के तौर पर दर्ज हैं। इस तरह के व्यक्ति के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए न कि उसे परोक्ष तौर पर सत्ता सुख भोगने की छूट दी जानी चाहिए।
गिरधारी लाल साहू के मामले में चुप्पी बरत कर उत्तराखंड की भाजपा सरकार,एक तरह से इस शांतिप्रिय राज्य में ऐसे अपराधी चरित्रों को फलने-फूलने का मौका दे रही है,जो किसी हाल में स्वीकार्य नहीं हो सकता है। गिरधारी लाल साहू की गिरफ्तारी,उन पर दर्ज सभी मुकदमों पर त्वरित कार्यवाही और रेखा आर्य की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी ही,इस मामले में पीड़ितों को न्याय मिलने की राह को सुगम बना सकती है.