सफलता के शिखर चूमने वाली शख्सियतों की जिंदगी में भी कमजोर क्षण आते हैं। उनसे उबर कर ही वे दुनिया में चमक बिखेरते हैं और कड़ी मेहनत करने वालों की मेहनत कभी बेकार नहीं जाती बल्कि कभी न कभी उनको मंजिल तक जरुर पहुंचाती है देर ही भला लेकिन मिलती जरुर है.
भारतीय क्रिकेट के पहले चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव की जिंदगी में भी कभी ऐसा कमजोर लम्हा आया था। कुलदीप ने खुलासा करते हुए बताया कि अंडर-15 क्रिकेट टीम में सेलेक्टरों ने मुझे सेलेक्ट नहीं किया तो मैंने सोचा था कि सुसाइड कर लूं। लेकिन परिवार और कोच के संबल ने और कड़ी मेहनत को प्रेरित किया। नतीजा आज सबके सामने है।
कुलदीप ने मीडिया बातचीत में बचाया कि में अपनी संघर्ष गाथा साझा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वह फास्ट बॉलर बनना चाहते थे लेकिन बेहद दुबले होने की वजह से कोच ने उन्हें फास्ट बॉलिंग की जिद छोड़ने को कहा। उनसे स्पिन बॉल डलवाई। अनजाने में ही चाइनामैन बॉल डाली तो कोच ने उसी दिशा में आगे बढ़ने को कहा। हालांकि कानपुर में अंडर-15 टीम के ट्रायल के दौरान चयनकर्ताओं ने कह दिया कि चाइनामैन गेंदबाजी का कोई स्कोप नहीं है।