देहरादून : कामकाज की सुस्त रफ्तार पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सख्त नजर आए। सचिवालय में हुई बैठक में सीएम रावत अधिकारियों पर बिफरे और फाइलों की धीमी रफ्तार के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सख्त रवैया अपनाते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनहित से जुड़े मुद्दों पर लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लापरवाह अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि जो नहीं करना चाहते काम है वो अपने लिए कोई और जगह तलाशें। साथ ही सीएम ने फाइलों की समीक्षा के लिए इसी हफ्ते सचिव लेवल की मीटिंग बुलाई है।
आपको बता दें कि सीएम ने लोगों की समस्या संबंधित फाइलों की धीमी रफ्तार यानी की कामकाज को लटकाए ऱखने पर नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों को फाइलों को जल्द से जल्द आगे बढ़ाने और जनता की समस्या का जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए। गौर हो कि सचिवालय में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें मुख्यमंत्री के अनुमोदन के आदेश होने के बाद भी सचिवालय कार्मिकों ने 14 महीने तक उस फाइल को ही गायब कर डाला। मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को मिली तो उन्होंने इस पर खासी नाराज़गी जाहिर की और सचिव लोकनिर्माण विभाग को ऐसे मामले में तुरंत कार्रवाही करने के आदेश दिए जिसपर सचिव के आदेश पर लोक निर्माण विभाग के एक अनुभाग के अनुभाग अधिकारी से लेकर कंप्यूटर आपरेटर तक को हटाना पड़ा और उनके स्थान पर दूसरे कार्मिकों को अनुभाग में स्थानांतरित करना पड़ा। यह उत्तराखंड सचिवालय का राज्य स्थापना के बाद से अब तक का पहला मामला है जिसके लिए सरकार को विशेष आदेश निकालना पड़ा।