दरअसल उत्तराखंड पुलिस के कर्मी सुभाष भूषण को ड्यूटी के दौरान एक नेपाली मूल के बालक को अकेला घूमता दिखा जिसे देख सिपाही से बच्चे को अपने पास बुलाकर पूछा कि बेटा तुम कौन हो और यहां अकेले क्यों घूम रहे हो? जिस पर बच्चा बोला कि अंकल मेरा नाम संतोष है और मैं काम ढ़ूढ रहा हूँ।
पुलिस कर्मी सुभाष भूषण ने जब पूछा कि क्यों तुम काम क्यों ढूंढ रहे हो तो उसने विवश होकर बताया कि मुझे पैसों की जरूरत है स्कूल जाना चाहता हूँ लेकिन स्कूल ड्रेस भी नहीं है काॅपी किताबें भी नहीं है।
जिसके बाद सिपाही सुभाष ने कहा कि बेटा अब तुम रोज स्कूल जाओगे और उसे अपने साथ एक दुकान पर ले जाकर पहले स्कूल ड्रेस और फिर एक अन्य किताब की दुकान पर ले जाकर उसे बैग और किताबें दिलायी। उसे आश्वासन देते हुए कहा कि भविष्य में कोई भी परेशानी आये तो मुझे बताना मैं तुम्हारे साथ हूँ। तुम अपनी पढ़ाई जारी रखो! बालक उक्त चीजे पाकर बेहद खुश हुआ।