आप भी अक्सर अपने और अपने परिवार की सुविधा के लिए कैब की बुकिंग करते होंगे और आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा जब कैब वाला आपके पास समय से नहीं पहुंचा औऱ खई बार तो कैब वाले ने गुस्से में बुंकिग भी कैंसिल कर दी होगी…ऐसे में आपको क्या करना है इसके लिए ये खबर पढ़ना जरुरी है. अगर कैब वाला समय से या निर्धारित स्थान में नहीं पहुंचता है तो कंपनी को आप उसका मुआवजा देना होगा.
लेफ्टिनेंट कर्नल को मिलेंगे 60 हजार रुपये
जी हां ऐसा ही हुआ अलीगंज में. जहां कैब के नहीं पहुंचने और ड्राइवर के बुकिंग कैंसिल करने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने ओला को सेवा में कमी का दोषी माना है। इस मामले में उसे लेफ्टिनेंट कर्नल को 60 हजार रुपये मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। 30 दिन में मुआवजा नहीं देने पर 9% की दर से ब्याज भी लगाया जाएगा।
ये था मामला
अलीगंज निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल विजय कुमार ने फोरम को बताया था कि अप्रैल 2016 में वह पत्नी और दो बच्चों के साथ माता-पिता से मिलने के लिए लखनऊ आए थे। लौटने के दौरान उन्होंने घर से चारबाग स्टेशन के लिए ओला कैब बुक की, इसके लिए 1900 रुपये का भुगतान एडवांस में भी किया। सुबह पौने पांच बजे कैब को उनके घर पहुंचना था। ड्राइवर को फोन करने पर उसने 10 मिनट में आने की बात कही। लेकिन बुकिंग कैंसिल करने के साथ ही फोन भी बंद कर दिया। इससे उन्हें स्टेशन पहुंचने में काफी परेशानी हुई।बाद में कुमार ने जिला उपभोक्ता फोरम में ओला कैब पर 15 लाख रुपये मुआवजे और कानूनी कार्यवाही के खर्च का दावा किया।
इस मामले की सुनवाई के बाद आयोग के सदस्य राजर्षि शुक्ला ने ओला कैब को सेवा में कमी का दोषी माना। साथ ही उन्होंने कुमार के दावे को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए 50 हजार रुपये सेवा में कमी के लिए और 10 हजार रुपये मानसिक कष्ट के लिए चुकाने का आदेश ओला कैब को दिया। साथ ही दो हजार रुपये कानूनी कार्यवाही के खर्च के लिए चुकाने को कहा है।