पुलिस का कहना है कि गजेंद्रन का बेटा पार्थसारथी विरुगमबक्कम का रहने वाला था। उसने बीसीए से स्नातक की पढ़ाई की थी। इस समय बेरोजगार था और अपने पिता के कई बार कहने के बावजूद वह कोई नौकरी नहीं ढूंढ रहा था। पुलिस का कहना है कि परिवार ने पार्थसारथी के व्यवहार में कुछ बदलाव देखे थे। उसने लिंग परिवर्तन कराने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन गजेंद्रन ने इसकी इजाजत देने से मना कर दिया। नाराज पार्थसारथी तीन दिन पहले अपना घर छोड़कर चला गया था और एक महिला के घर में रह रहा था।
गजेंद्रन ने देखा कि उनका बेटा मनाली के ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के साथ रह रहा है तो उसे ढूंढते हुए वहीं पहुंच गए। लेकिन, पार्थसारथी ने घर आने से मना कर दिया। उसका कहना था कि लिंग परिवर्तन की बात मानने पर ही वह वापस आएगा। उसके पिता नहीं माने तो उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।