हरिद्वार : गंगा की निर्मलता को लेकर 36 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे आत्मबोधानंद को जिला प्रशासन ने गुरुवार को जबरन उठा लिया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया. आत्मबोधानंद ने प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि प्रशासन उनकी हत्या करने के लिए एम्स लेकर जा रहे हैं। वहीं मातृसदन के अध्यक्ष शिवानंद सरस्वती ने प्रशासन की कार्रवाई को अपहरण करार दिया।
ये है मांगें
आपको बता दें ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद संशोधित गंगा एक्ट लागू करने और बांधों पर रोक लगाने की मांग को लेकर बीती 24 अक्तूबर से मातृसदन आश्रम में आमरण अनशन पर बैठे थे। उनका कहना था कि जब तक गंगा की अविरलता को पुनर्स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार संशोधित गंगा एक्ट लागू नहीं करती है तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।
अनशन पर बैठे आत्मबोधानंद को जबरन उठाया
गुरुवार को एसडीएम मनीष सिंह और स्वप्न किशोर सिंह भारी पुलिस बल और चिकित्सकों की टीम के साथ मातृसदन आश्रम पहुंचे। इस दौरान टीम ने अनशन पर बैठे आत्मबोधानंद को जबरन उठा लिया। इससे पहले प्रशासन ने सुबह आत्मबोधानंद को नोटिस दे दिया था। आत्बोधानंद और आश्रम के संन्यासियों ने प्रशासनिक कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया। इस पर एसडीएम ने आश्रम के संन्यासियों को प्रशासनिक कार्रवाई में हस्तक्षेप करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। पुरजोर विरोध और काफी कोशिशों के बाद भी पुलिस के आगे उनकी एक न चली। पुलिस ने उन्हें उठाकर अस्पताल ले गई.
आत्मबोधानंद को भर्ती न करें एम्स
शिवानंद सरस्वती ने एम्स ऋषिकेश के निदेशक को पत्र लिखकर आत्मबोधानंद को भर्ती न करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हमें एम्स के चिकित्सकों पर विश्वास नहीं है। कहा कि दिवंगत ज्ञानस्वरूप सानंद की मौत भी एम्स में चिकित्सकीय देखरेख में ही हुई थी। साथ ही कहा कि एम्स में आत्मबोधानंद की जान को खतरा है।