घनसाली- विकास परियोजनाओं के नाम पर अर्से से जनता को छले जाने का खेल जारी है। कंपनियां मुनाफा बटोरने के लिए जनता को काम पूरा होने के बाद कैसे हाशिए पर धकेल देती हैं इसका जीता जगाता नमूना है टिहरी जिले के भिलंगना में लगा भिलंगना पॉवर प्रोजेक्ट।
आज से 10 साल पहले 2007 में शुरू हुए इस पॉवर प्रोजेक्ट ने अपने शुरूआती दिनों में स्थानीय जनता को खूब सब्जबाग दिखाए। लेकिन धीरे-धीरे गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए उस जगह पहुंच गया जहां जनता को कंपनी का विरोध करने के लिए एकजुट हो गई है।
भिलंगना विकासखंड के सांकरी, मलेथा और थाती गांव के हितों पर चोट करने वाले पोलोफ्लैक्स कंपनी के इस प्रोजेक्ट पर ग्रामीणों ने तमामवादा खिलाफी के आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पोलोफ्लेक्स कंपनी ने पॉवर प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ग्रामीणों को नौकरी देने का वायदा किया था। लेकिन नौकरी तो छोड़िया पोलोफ्लैक्स कंपनी ने अपने फायदे के लिए ग्रामीणों का सार्वजनिक रास्ता ही हड़प लिया है।
ऐसे मे हाइड्रोपॉवर कंपनी की वादाखिलाफी के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध शुरू किया और निर्माण स्थल पर धरना दिया। हालांकि ग्रामीणों के तेवरों को देखते हुए प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर आज कंपनी और ग्रामीणों के पक्ष को सुना।
उधर ग्रामीणों ने प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में कंपनी को 10 दिनों की मोहलत देते हुए चेतावनी दी है कि अगर कंपनी अपने वादों पर कायम नहीं रही और 10 दिनों के भीतर उनकी मांगों पर कार्यवाही शुरू नहीं हुई तो उन्हें उग्र आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
हालांकि प्रशासन की पहल पर कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन 10 दिन के लिए टल गया है । लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर खुद करोड़ो कमाने वाली कंपनियां हजारों रुपए के जनहित से वक्त पर क्यों मुकर जाती हैं। उससे भी बड़ा सवाल ये है कि आखिर सरकार ऐसी कंपनियों के खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लेती जो उनके वोटरों को वक्त पर ठेंगा दिखा देती हैं।