हरिद्वार: हरिद्वार में एटीएम में स्कीमर और पिन होल कैमरे के जरिये लाखों रुपये उड़ाने की घटना से यदि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधन और पुलिस ने सबक लिया होता तो दून के उपभोक्ताओं की पसीने की कमाई लुटने से बच जाती।
देहरादून की तरह बिना एटीएम कार्ड बदले रुपये निकालने की घटना हरिद्वार में भी हुई थी। इसी साल मई व जून में पुराना रानीपुर मोड़ स्थित एसबीआइ एटीएम एवं पास ही स्थित अन्य एटीएम का प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं के खातों से एटीएम कार्ड बदले बिना रुपये निकल गए थे। पीड़ित उपभोक्ताओं ने सबसे पहले एसीबीआइ को अवगत कराया था। बैंक अधिकारियों ने प्रकरण को पुलिस से जुड़ा होने की बात कहकर टाल दिया था, जबकि पुलिसकर्मियों ने प्रकरण में अपराध हरिद्वार में न होने की बात कही और उपभोक्ता फोरम जाने की सलाह तक दे डाली थी।
पीड़ित कार्यरत और सेवारत भेलकर्मियों के अलावा व्यापारियों आदि ने एसबीआइ भेल में प्रदर्शन किया था, जिसके बाद पुलिस अधिकारी हरकत में आए थे। रानीपुर कोतवाली, ज्वालापुर कोतवाली और सिडकुल थाने में मुकदमे तो दर्ज हुए लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ी। इस बीच, एसबीआइ के एटीएम की सेवाप्रदाता कंपनी हिताची पेमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के लीगल एडवाइजर नीरज कुमार ने 14 जून को मायापुर पुलिस चौकी में तहरीर दी। इस तहरीर में बताया गया कि गिरोह से जुड़े लोगों ने रानीपुर मोड़ स्थित एसबीआइ के एटीएम में कार्ड डालने वाले स्थान और कीपैड के समीप छेद बनाकर वहां पिन होल कैमरा फिट किया था।
जिस भी उपभोक्ता ने रुपये निकाले, उसके कार्ड का गोपनीय पिन नंबर हासिल कर लिया। तहरीर में एटीएम कार्ड का क्लोन बनाने की आशंका भी जताई गई, लेकिन एक माह बाद भी इस शिकायत पर कार्रवाई नहीं की, जिसका नतीजा यह हुआ कि दून में भी ठग वारदात को अंजाम दे गए..