देहरादून- उत्तराखंड में कई मौकों पर 108 आपातकालीन सेवा जीवन रक्षक साबित हुई है। लेकिन अच्छाई की आड़ में 108 सेवा से भी गुल खिलाए हैं। कैग ने अपनी रिपोर्ट में 108 सेवा पर उंगली उठाई है। लिहाजा सूबे की सरकार 108 सेवा देने वाली कंपनी GVKEMRI के साथ हुए करार की शर्तों को बदलने जा रही है।
गौरतलब है कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 108 सेवा के चयन लिए सरकार ने भारी अनियमितता बरती है जिससे राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि GVKEMRI पर 18 करोड़ 85 लाख का बकाया है बावजूद इसके सरकार कंपनी को लगातार भुगतान कर रही है।
राज्य के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की माने तो अब 108 सेवा के लिए नए सिरे से टेंडर होंगे और सेवा की शर्ते भी कड़ी की जांएगी। बहरहाल बड़ा सवाल ये है कि GVKEMRI ने 108 की एवज में जो चांदी काटी है क्या सूबे की सरकार उसे वापस वसूल कर पाएगी। हालांकि दिलासा देने के लिए ये भी कहा जा सकता है कि सुबह का भूला शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते।