घनसाली(हर्षमणि उनियाल)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घर-घर बिजली पहुंचाने का वादा तो आम जनता से कर रहे हैं लेकिन घर-घर बिजली पहुंचने के बाद क्या सुचारु रुप से आम जनता को बिजली मिल पा रही है यह अपने आप में एक बड़ा सवाल बना हुआ है.
लगता है उत्तराखंड में ऊर्जा विभाग के अधिकारी साकार नहीं होना देना चाहते पीएम मोदी के सपने को
जी हां पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण विद्युतीकरण के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी जिसमें कॉन्फ्रेंस में ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री को गांव-गांव बिजली पहुंचाने के लिए धन्यवाद भी अदा किया था, लेकिन लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को उत्तराखंड में ऊर्जा विभाग के अधिकारी साकार नहीं होना देना चाहते हैं. यही वजह है कि टिहरी जनपद के मारवाड़ी गांव में पिछले 24 जुलाई से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है. लेकिन शिकायत के बाद भी ऊर्जा विभाग का कोई अधिकारी ट्रांसफार्मर लगवाने को लेकर गंभीर नहीं है.
मारवाड़ी गांव के लोगों से पीएम मोदी ने की थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात
आपको बता दें कि मारवाड़ी वहीं गांव है जहां के लोगों ने पिछले महीने 18 जुलाई को प्रधानमंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी. गांव के निवासी रामचंद्र सिंह बिष्ट जिन्होंने 2016 में मारवाड़ी गांव में बिजली लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद अदा किया था. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में PM के साथ मारवाड़ी गांव के लोगों का संवाद इस तरीके से था मानों अब कभी मारवाड़ी गांव के लोगों को बिजली की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा लेकिन 18 जुलाई को PM की बात ग्रामीणों से होती है और 24 जुलाई से गांव में लाइट ही नहीं है. लेकिन शासन -शासन का कोई भी नुमाइंदा इस बात का संज्ञान नहीं ले रहा है. वह भी तब जिस गांव के ग्रामीणों ने सीधे तौर से पीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए PM का आभार इस बात को लेकर जताया कि उन्हीं की वजह से उन्हें गांव में बिजली देखने को मिली है.
ये-ये हुई बात, एक फोटो कॉपी के लिए खर्च करने पड़ते थे 500 रुपये
खास बात यह है कि ग्रामीणों के द्वारा प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया था कि बिजली आने से उनके कई काम आसान हुए हैं. बिजली आ जाने से रात को पढ़ाई भी ढंग से हो पाती है. यहां तक की गांव में ग्राहक सेवा केंद्र खोला गया है जिससे उन्हें काफी फायदा हो रहा है. पहले गांव में बिजली नहीं थी जिस कारण एक फोटो कॉपी कराने के लिए ग्रामीणों को 500 खर्च कर कई किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता था लेकिन अब गांव में फोटो कॉपी की मशीन लग गई है जिसके बाद उन्हें 1 रुपये में फोटो कॉपी करने को मिल रही है.
ग्रामीणों के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह भी अवगत कराया गया कि बिजली आने से जंगली जानवर उनके गांव में नहीं पहुंच रहे हैं. जिससे कि इंसान की जान को जहां खतरा कम हुआ है. वहीं उनके खेतों को भी इससे नुकसान नहीं हो रहा है. क्यों कि पहले अंधकार न तो वह खेत की रखवाली कर पाते थे औऱ न ही जानवरों को भगा पाते थे.
गांव वालों ने उनके बच्चों के भविष्य को लेकर कही पीएम मोदी को सबसे अहम बात
ग्रामीणों के द्वारा सबसे खास और अहम बात उनके बच्चों के भविष्य को लेकर कही गई जिसमें ग्रामीणों ने कहा कि पहले उनके गांव में लाइट नहीं थी तो उनके बच्चे पढ़ नहीं पाते थे जिससे की 50% तक नंबर आते थे. लेकिन जब से उनके गांव में लाइट आई है उनके बच्चों के 94% तक नंबर आ रहे हैं. यह तमाम बातें हैं जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए PM मोदी के साथ ग्रामीणों की हुई.
कई दुर्गम गांव ऐसे हैं जहां आजादी के बाद बिजली नहीं पहुंची,उनमें से एक है मारवाड़ी गांव
खास बात यह है कि विश्व में प्रधानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने की बात करते हैं लेकिन शायद प्रधानमंत्री को यह मालूम नहीं बिजली बनाने के कारखाने तो टिहरी डैम में लगे हुए हैं लेकिन उसके ऊपर भी कई दुर्गम गांव ऐसे हैं जहां आजादी के बाद बिजली नहीं पहुंची और उनमें से एक है मारवाड़ी गांव. लेकिन बिजली का कनेक्शन और बिजली की तारें तो मारवाड़ी गांव में पहुंच गई है लेकिन पिछले 1 महीने से ट्रांसफार्मर जल जाने से यह सब बेकार सी लगने लगी है.
ग्रामीणों ने सोचा भी नहीं होगा कि उनके साथ ऐसा होगा
ऐसे में सवाल यही उठता है कि अगर ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. जिस गांव के ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री के साथ ग्रामीण विद्युतीकरण के लाभार्थियों के होने के नाते बातचीत की कि उन्हें ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए अधिकारियों के हाथ-पांव जोड़ने पड़ेंगे, यह ग्रामीणों ने वीसी के दौरान भी नहीं सोची होगी. नहीं तो ग्रामीण जरूर अपने इस पक्ष को प्रधानमंत्री के सामने रखते हैं कि आपने तो हर घर बिजली पहुंचाने का सपना तो साकार कर दिया है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही इसमें भविष्य में आड़े आ सकती है
वीडियो-(सौजन्य से डीडी न्यूज)