टिहरी : अभी तो दिल्ली हारी है अब उत्तराखंड की बारी है के नारों के साथ जनरल/ओबीसी कर्मचारियों ने चमियाला-घनसाली बाजार में बाइक रैली निकाली। वहीं कर्मचारियों ने साफ किया कि जब तक सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं करेगी वो पीछे हटने वाले नहीं हैँ। कर्मचारियों ने नारे लगाए कि होश में तुमको आना होगा वरना तुमको जाना होगा।
आपको बता दें कि वर्तमान समय में उत्तराखंड के हर जनपद/विकासखण्ड/तहसील मुख्यालय पर अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर एसोसिएशन अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। कुछ दिन पहले घनसाली में मशाल यात्रा निकाली गई थी और अब बालगंगा तहसील लाटा से घनसाली बाजार तक बाइक रैली का आयोजन किया गया। आज इस बाइक रैली में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपील के माध्यम से जारी जनसंदेश में इस बात को जनता तक पहुंचाया जा रहा है कि आखिर इतने बड़े कर्मचारियों का तबका हड़ताल पर क्यों है। उनका कहना है कि…
- हम किसी जाति, धर्म एवं मजहब के विरोध में नहीं है।
2. हम लोग कोई वेतन भत्तों की बढ़ोतरी के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर नहीं हैं।
3. हम लोग अपने संवर्ग के साथ हो रहे दुर्भाग्यपूर्ण एवं अन्यायपूर्ण सरकारी रवैये के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
4. पदोनत्ति में जातिगत अधिकार न होने की व्याख्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किये जाने के बाद भी अभी तक सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन न करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
5. हम लोग इस संबंध में मा. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनाक 7 फरवरी के अनुपालन के लिए आंदोलनरत है औऱ सरकार से मा. न्यायालय के आदेश को लागू किये जाने की मांग कर रहे है।
6. जिस बेट-बेटी, पोते-पोती को आप आज एक बड़ी आशा के साथ ट्यूशन, कोचिंग भेज रहे हैं कि वह योग्य नागरिक बनकर राष्ट्र के विकास का हिस्सा बने। मौजूदा आरक्षण उनके विकास के लिए भी अवरोधक एवं घातक हैं और उनके भविष्य को भी प्रभावित कर रहा है।
बिना अपने मांगों पर अमल के पीछे हटने वाली नहीं हैं-कर्मचारी
आंदोलनरत कर्मचारी संगठन के हाव भाव से यह साफ है कि वह बिना अपने मांगों पर अमल के पीछे हटने वाली नहीं हैं। कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों से जब कोरोना वायरस के संकट संबंधी बात कही गयी तो उनका कहना है कि पदोनत्ति में फैला आरक्षण का यह जहर उससे भी खतरनाक है…लिहाजा वे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने नारे लगाते हुए सरकार को साफ चेताया है कि अभी तो वे दिल्ली हारे है अब आने वाला समय उत्तराखंड का है। जिसका सीधा सा अर्थ आने वाले 2022 के चुनाव से है।
2022 के चुनाव में उनकी शुरुआत जीरो से होगी-कर्मचारी
केशव सिंह रॉवत ने चमियाला बाजार में अपने संबोधन में साफ साफ कहा कि अगर सरकार ने समय रहते इस पर निर्णय नहीं लिया तो 2022 के चुनाव में उनकी शुरुआत जीरो से होगी और उसके लिए भी उनके पसीने छूट जाएंगे। बाइक रैली में कमर्चारियों ने अपनी एकता का परिचय आम जनता और व्यापारी वर्ग को कराया और साफ साफ कहा कि यह लड़ाई सिर्फ उनकी नहीं है बल्कि आने वाले भविष्य को लेकर लड़ी जा रही है।