टिहरी : बंग्लादेश के ढाका में मृतक पवन के मौत बाद पवन के भाई को टिहरी जिला प्रशासन ने दिल्ली जाने का पास नहीं दिया। बता दें कि मृतक पवन गुसांई का परिवार दिल्ली के नांगलोई में रहता है जिनके साथ कोई नहीं है। एक मात्र परिवार का सहारा पवन थे। पवन के दो बच्चे हैं जिनके पालन पोषण की चिंता परिजनों को सता रही है। और मृतक के परिवार वालों को देखने के लिए मृतक का भाई दिल्ली जाना चाहता था लेकिन प्रशासन ने पास नहीं दिया जिससे प्रशासन का निर्दयी चेहरा सामने आया।
टिहरी जिले के प्रताप नगर विधानसभा के अंतर्गत मयूडी गांव के रहने वाले पवन सिंह की मौत बांग्लादेश के ढाका में 8 मई को हुई जिसकी सूचना होटल प्रबंधन ने पवन के भाई केदार सिंह को दी जिसके बाद घर में अहंकार मचा हुआ है पवन सिंह गुसाईं का परिवार पत्नी और दो बच्चे नागलोई में कई वर्षों से रह हैं अभी हाल ही में उन्होंने किस्त में मकान खरीदा था और उस मकान में शिफ्ट हुए थे।
दो बार जिला प्रशासन से लगाई पास बनाने की गुहार
पवन की मौत के बाद गांव में रह रहे केदार सिंह और बड़े भाई को दिल्ली जाने के लिए टिहरी जिला प्रशासन ने पास नहीं बनाए, जिस कारण पवन के परिजन पवन की पत्नी और बच्चों को मिलने में समस्याएं आ रही है। मृतक पवन सिंह के भाई केदार सिंह ने बताया कि उन्होंने दो बार जिला प्रशासन से पास बनाने की गुहार लगाई है लेकिन पास नहीं बना जिस कारण अब पवन की पत्नी और बच्चे दिल्ली में अकेले हैं और परेशान हैं। इनकी देखरेख कैसे होगी समस्याओं से घिर गए हैं
गांव के विनोद सिंह गुसाईं ने बताया कि अगर जिला प्रशासन तीन लोगों का पास बनवा कर दिल्ली जाने की अनुमति दे देता तो पवन के परिवार को संभालने के लिए मदद मिलती। जब भारत सरकार के द्वारा पवन का शव बांग्लादेश के ढाका से भारत लाया जाता तो केदार सिंह पवन की पत्नी बच्चे सहित पवन का शव को लेकर गांव पहुंचते लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा पास न बनाए जाने से सब दुखी हैं।
पवन के भाई केदार ने बताया कि की पवन दिल्ली की एक कपड़े से संबंधित सोनी कंपनी में काम करता था, जो देश विदेशों में कपड़ों का एग्जीबिशन का काम करते थे और 20 अप्रैल को बांग्लादेश के ढाका में कपड़ों का एग्जीबिशन लगाने के लिए गए हुए थे। साथ में पवन की पत्नी का भाई (साला) पवन के साथ था। फोन से पवन के साले ने बताया कि पवन और हम 7 लोगों की टीम थी जो एग्जीबिशन लगाने के लिए गई थे लेकिन लॉक डाउन के चलते यह एग्जीबिशन नहीं लगाया गया। उसके बाद वहां होटल में रहे लेकिन लॉक डाउन के कारण होटल प्रबंधन ने भी इन्हें होटल से बाहर कर दिया। उसके बाद वह दोस्त के घर गए हैं लेकिन ज्यादा लोग होने के कारण यहां रहने के लिए दूसरे होटल में चले गए। होटल में अचानक पवन की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
अब परिजनों ने मृतक पवन के शव को भारत लाने की मांग की है ताकि उसका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार कर सकें। मृतक पवन के दो बेटे है बड़ा बेटा 12 व छोटा बेटा 10 में दिल्ली में पढ़ता है ,अब इनके सामने दुख का पहाड़ टूट गया
पवन के शव को लाने के लिए भारत सरकार प्रयास कर रही है लेकिन लॉक डाउन के चलते सभी फ्लाइट बन्द है और शव को लाने के लिए सभी तरह के कागजी कार्यवाही चल रही है दो तीन दिन में ढाका से भारत आने के लिए फ्लाइट शुरू होगी तो कार्गो विमान से पवन का शव दो या तीन दिन में भारत लाया जा सकता है