देहरादून- लगता है पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को खुद डेंगू से पीडित होने के बाद अब समझ में आ गया है कि डेंगू और चिकनगुनियां जैसी बीमारी महज एक नगर निगम के मेयर को कोस कर काबू नहीं हो सकती। इसके लिए सबके सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। हालांकि कभी किशोर मेयर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते थे। गौरतलब है कि किशोर उपाध्याय आजकल खुद डेंगू से पीड़ित हैं। रोगी हालत में ही किशोर ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल, बसपा, सपा और यूकेडी के तीनों धड़ों के प्रदेश अध्यक्षों को खत लिखकर राज्यभर में फैली डेंगू, चिकनगुनिया तथा मलेरिया जैसी प्राण घातक बीमारियों से जनता को बचाने की गुजारिश की है। इस बात की जानकारी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने दी है। बिष्ट की माने तो किशोर ने अपने खत में अपने अनुभव को साझा करते हुए लिखा है कि पिछले 10 दिनों से वे डेंगू का मुकाबला कर रहे हैं। अस्पताल में उनके सामने सही वक्त पर इलाज न मिलने के चलते एक 18 साल के नौजवान ने बीमारी के बाद दम तोड़ दिया। इस घटना से वे विचलित हो उठे। मतलब हृदय विदारक घटना ने किशोर के हृदय को परिवर्तित कर दिया और वे इन बीमारियों के असर को आंकने के लिए मजबूर हुए। पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने सभी सियासी दलों से अनुरोध किया है कि, ये वक्त सियासत का नहीं जनता को जिंदा बचाने का है। देखना है किशोर की इस भावुक अपील से कितने दलों के दिल पसीजते हैं और वे क्या कदम उठाते हैं। बहरहाल इतना तो तय है जब खुद पर गुजरती है तभी दूसरे के दर्द का अहसास होता है।