ढाक गांव के ग्रामीणों का आरोप- NTPC ने काट डाले हमारे उगाए हरे पेड़
डेढ सौ से ज्यादा हरे पेड़ काटने का आरोप
चमोली- बिजली परियोजनाओं के लिए सिर्फ सूबे की नदियों पर ही संकट मंडरा रहा हो ऐसा नही हैं,हरे भरे जंगलों की भी शामत आई हुई हैं। जिले के ढाक गांव की वन पंचायत जमीन पर तकरीबन डेढ सौ से ज्यादा पेड़ों पर बिजली परियोंजना के लिए एनटीपीसी ने आरी चलाई है। एनटीपीसी की इस गैरजिम्मेदाराना हरकत से नाराज ग्रामीणों ने जल विद्युत परियोजना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रशासन से एनटीपीसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। गौरतलब है कि एनटीपीसी जोशीमठ में 520 मेगावाट की तपोवन विष्णुगाड़ परियोजना का निर्माण कर रही है। परियोजना का निर्माण ढाक गांव की वन पंचायत भूमि से होकर किया जा रहा है। ऐसे में ढाक के निवासियों का आरोप है कि एनटीपीसी ने गांव के एलाड़ तोक में उनके उस जंगल पर आरी चलाई है जिसे उन्होंने पिछले 20 सालों में तैयार किया। पहले एलाड तोक पर कोई खास पेड नहीं थे लेकिन ग्रामीणों की मेहनत से यहां बांझ, बुरांश, पैंया और चीड़ जैसे पेड़ पनपाए। इनकी हिफाजत के लिए बाकायदा चौकीदार भी रखा गया है। बावजूद इसके एनटीपीसी ने ग्रामीणों को विश्वास में लिए बगैर गांव वालों के पनपाए जंगल पर आरी चला दी। हालांकि जंगलों के कटान पर स्थानीय ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद अब स्थानीय प्रशासन भी हरकत में आ गया है। तहसील प्रशासन में ग्रामीणो की लिखित शिकायत पर जोशीमठ के उपजिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने कहा है कि बिना अनुमति के हरे पेड़ नहीं काटे जा सकते। पेड़ों के कटान को अवैध मानते हुए एसडीएम ने ग्रामीणों को भंरोसा दिलाया कि वे स्वयं मामले की जांच कर करेंगे। बहरहाल कंपनी की इस हरकत के कहा जा सकता है कि “उम्र बीत जाती है एक पेड़ उगाने में उन्हें तरस नहीं आता आरी चलाने में”