सितारगंज: सर्तकता विभाग की टीम ने सर्वे लेखपाल को ढाई हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी लेखपाल निजी स्कूल के शिक्षक से विरासतन व खतौनी दर्ज करने तथा फसली अंकित करने के एवज में ढाई हजार रुपये की घूस मांग रहा था। विजिलेंस टीम की कार्रवाई से हड़कंप मचा रहा।
शक्तिफार्म के ग्राम रुद्रपुर निवासी शंकर विश्वास एक निजी स्कूल में शिक्षक है। उसने बताया कि उसकी दादी की मृत्यु वर्ष 2012 में हो चुकी है। उनके परिवार की तीन एकड़ भूमि नदी में दर्ज है। दादी की मृत्यु होने के बाद उसने बंदोबस्त कार्यालय के लेखपाल संतोष कुमार श्रीवास्तव को दस नवंबर को दादी की जमीन को खतौनी में दर्ज करने, फसली प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया था। इसके एवज में लेखपाल ने शंकर विश्वास से ढाई हजार रुपये की रिश्वत मांगी। इस पर उसने विजिलेंस हल्द्वानी को शिकायती पत्र सौंपा। जिसके बाद विजिलेंस टीम ने शिकायत की जांच की।
मंगलवार को सीओ विजिलेंस अरविंद डंगवाल के निर्देशन में टीम प्रभारी प्रमोद शाह बंदोबस्त कार्यालय पहुंचे। उन्होंने आसपास जाल बिछाया। इसके बाद शिकायतकर्ता पांच-पांच सौ के पांच नोट लेकर सर्वे लेखपाल संतोष श्रीवास्तव पुत्र छबील चंद निवासी गाजीपुर उत्तर प्रदेश, हाल निवासी रम्पुरा के पास पहुंचा। उसने जैसे ही घूस के पैसे लेखपाल को दिए। पीछे से विजिलेंस टीम ने उसे रंगें हाथों दबोच लिया।
इस दौरान सर्वे कार्यालय में हड़कंप मचा रहा। विजिलेंस टीम ने आरोपी से लगभग दो घंटे तक पूछताछ की। बरामद रुपयों को सील किया। सीओ विजीलेंस अरविंद डंगवाल ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।