देहरादून : एक तरफ लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है तो वहीं दूसरी ओर केंद्र की भाजपा सरकार राज्य में अपनी सरकार बनाने को लेकर जी तोड़ मेहनत कर रही है. रैलियों से लेकर कई रोड शो कर रही है. पीएम अब तक कई जनसभाएं कर चुके हैं.
एयर स्ट्राइक में वाहवाही तो राफेल डील के दस्तावेज चोरी मामले में किरकिरी
एक ओर जहां एयर स्ट्राइक के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने खूब वाहवाही लूटी तो वहीं राफेल डील के बेहद गोपनीय दस्तावेज चोरी होने की बात सुप्रीम कोर्ट में कहकर दुनियाभर में सनसनी और सरकार की किरकिरी हुई. पहले खबर आई कि वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में राफेल के दस्तावेज चोरी होने की बात कही थी फिर अटॉर्नी जनरल ने कहा- दस्तावेजों के चोरी होने की बात पूरी तरह गलत है बल्कि लीक हुए हैं.
वेणुगोपाल ने कहा थी कि सुप्रीम कोर्ट में मैंने जो कहा था, उसका मतलब यह नहीं था कि दस्तावेज चोरी हुए थे। मैं यह कहना चाहता था कि याचिकाकर्ताओं ने मूल दस्तावेजों की फोटोकॉपियों का इस्तेमाल किया था और यह दस्तावेज बेहद गोपनीय थे। दस्तावेजों के चोरी होने की बात पूरी तरह से गलत है।
राफेल डील दस्तावेज चोरी की थाने में तहरीर
वहीं अब मामला उत्तराखंड में तूल पकड़ता जा रहा है. जी हां न्यूज 18 पोर्टल की खबर के अनुसार राफेल डील दस्तावेज चोरी मामले पर पीएम मोदी के खिलाफ उत्तराखंड में देहरादून के डालनवाला थाने में तहरीर दी गई है. और ये तहरीर किसी और ने नहीं बल्कि NSUI विंग की तरफ से दी गई है. तहरीर में चोरी की शिकायत करते हुए कहा गया है कि राफेल डील शुरू से ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने के का काम किया और सौदे में फेरबदल किया.एनएसयूआई कार्यकर्ता उदित थपलियाल का कहना है कि रक्षा मंत्रालय जो की सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है वहां से राफेल विमान के दस्तावेज चोरी कैसे हो गए. उनका कहना है कि ऐसे में न तो सरकार जवाब दे रही है और ना ही पुलिस प्रशासन कुछ कर रहा है. इसलिए उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ डालनवाला थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी है.